हरिद्वार धर्म संसद : रिजवी उर्फ त्यागी सहित अन्य पर FIR

हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर अल्पसंख्यकों के नरसंहार की धमकी देने के मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की है। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी भी फंसे।

हरिद्वार में धर्म संसद की आड़ में देश के अल्पसंख्यक समुदाय का नरसंहार करने, हिंदू राष्ट्र बनाने, संविधान को न मानने, गांधी के हत्यारे गोडसे को महान बताने के जरिये नफरत फैलाने के खिलाफ स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। यह धर्म संसद 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में चली, जिसका वीडियो सामने आने के बाद अब पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी, जिन्होंने बाद में धर्म परिवर्तन करते हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम रखा सहित अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया है।

द वायर की खबर के अनुसार एफआईआर में यती नरसिंहानंद सरस्वती का नाम नहीं है, जिसने इस धर्म संसद में खूब भड़काऊ भाषण दिए। उसने कहा था कि जो युवा लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण बनेगा, वे उसे एक करोड़ रुपया देंगे। उसने युवकों से प्रभाकरण और भिंडरावाले बनने का आह्वान किया। उसने कहा कि जो हिंदुओं का प्रभाकरण बनेगा, उसे वह एक करोड़ रुपया देगा।

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार विभिन्न समुदायों में नफरत फैलाने की धारा के साथ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि जब प्रबाकरण और भिंडरावाले बनने का आह्वान किया जा रहा है, तब देशद्रोह की धारा क्यों नहीं लगाई गई? वहां खुलेआम तलवारों के साथ जुटान हुआ और हथियार खरीदने का आह्वान किया जा रहा था, तब आपराधिक मामले क्यों नहीं दर्ज किए गए। अब तक संघ और भाजपा के किसी बड़े नेता ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे भी ऐसे मामलों पर चुप ही रहते हैं। हो सकता है कि संघ इस बायन की निंदा करे, लेकिन वह तब करेगा, जब या तो देश में तीखा प्रतिवाद होगा या जब जहर फैल चुका होगा।

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