केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने द्वारा आज संसद में पेश आम बजट 2018 पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और ना ही कर रही. सरकार सिर्फ़ कागज़ों पर बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है. उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा – ‘किसानों की खेती की चिंता छोड़ मोदी सरकार वोटों की खेती में लीन है. बीजेपी देश से किसानों को समाप्त करना चाहती है. पूँजीपतियों का NPA 10 लाख करोड़ है लेकिन पूँजीपतियों की रखवाली मोदी सरकार 80 करोड़ किसानों का कुछ हज़ार करोड़ रुपए क़र्ज़ माफ़ नहीं कर सकती.‘ 

नौकरशाही डेस्‍क

तेजस्‍वी ने आगे कहा कि बजट किसानों के साथ छलावा है. गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1600रू प्रति क्विंटल है लेकिन बाज़ार मे उस मूल्य पर कोई गेहूँ ख़रीदने वाला नहीं है. मजबूरन किसान को 1300 मे गेहूँ बेचना पड़ता है. किसका डेढ़ गुणा MSP देने की बात है? वातानुकूलित कैबिनों में बैठकर किसानों का भाग्य मत लिखिए. किसानों की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं उनका क़र्ज़ माफ़ कर देते आय तो उससे भी बढ़ जायेगी.

उन्‍होंने मोदी सरकार पर बिहार के प्रति उपेक्षा का भी आरोप लगाया और कहा कि बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं. बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला. नीतीश कुमार बताए क्या यही उनके लिए डबल इंजन है? नीतीश जी की वजह से बीजेपी की केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

बता दें कि इस बार आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है. टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालोंभर प्रयोग में आने वाले खाद्य वस्तुओं के लिए ‘ऑपरेशन फ्लड’ की तर्ज पर ‘ऑपरेशन ग्रीन’ लॉन्च करने की घोषणा की गई है. इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा। 42 मेगा फूड पार्क बनेगा. मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं. बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार ने फंड मुहैया कराने की घोषणा की है.

 

 

 

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