कट्टर हिंदुओं ने नमाज रोका, गुरुद्वारे ने खोल दिया दरवाजा

आज गुरुग्राम फिर से चर्चा में है। कट्टरपंथी हिंदुओं ने नमाज पढ़ने से मुसलमानों को रोका, तो गुरुद्वारे ने खोल दिया दरवाजा। कई उदार हिंदू भी आए आगे।

कुमार अनिल

हरियाणा का गुरुग्राम महीनों से चर्चा में है। यहां सेक्टर 12 में मुस्लिम हर जुमे को नमाज पढ़ते थे। यहां एक हिंदुत्व ग्रुप ने नमाज पढ़ने का विरोध किया। नमाज के वक्त नारे लगाए। फिर गोबर रखकर कहा कि वे गोवर्धन पूजा करेंगे। दूसरे दिन उस स्थल पर वालीबॉल खेलने की बात कही। इसी तरह का विरोध कुछ और भी सेक्टर में हुआ।

अब यहां लगभग एक सदी पुरानी गुरुद्वारा कमेटी ने नमाज के लिए गुरुद्वारा का दरवाजा खोल देने की घोषणा की है। सिखों ने मुसलमानों को वह जगह भी दिखाई, जहां वे नमाज पढ़ सकते हैं। यह खबर सामने आते ही गुरुद्वारे की उदारता की चर्चा देशभर में फैल गई। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह साहब के अध्यक्ष शेरदिल सिंह ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, उसमें हम मूक दर्शक नहीं रह सकते।

इससे पहले कुछ हिंदू भी आगे आए और कहा कि वे उनके यहां नमाज पढ़ सकते हैं। एक दुकानदार अक्षय यादव ने अपनी दुकान नमाज के लिए देने की पेशकश की। कई किसानों ने अपनी जमीन पर नमाज पढ़ने की पेशकश की है।

इसके साथ ही सावरकर के हिंदुत्व और सनातन हिंदू विचार. जिसे हिंदुइज्म कहते हैं, के बीच बहस छिड़ गई है। सावरकर का हिंदुत्व जहां दूसरे धर्म के प्रति नफरत फैलाने पर आधारित है, वहीं पुराना हिंदू धर्म विश्व कल्याण और विश्व बंधुत्व पर आधारित है।

कई समाजसेवी -पत्रकार भी खुलकर हिंदुत्व के खिलाफ सामने आए हैं। पत्रकार राहुल देव ने कहा-मैं गुरुग्राम में ही रहता हूँ लेकिन जहाँ नमाज़ हो रही थी या विरोध हो रहा था उन जगहों से काफ़ी दूर। पास होता तो निश्चय ही अपना घर नमाज़ के लिए खोलता। मेरे घर में नमाज़ होगी तो वह पवित्र ही होगा। जिन कारणों-तरीकों से विरोध हो रहा था वे गहरी पीड़ा दे रहे थे।

राहुल देव के ट्वीट के उत्तर में कई नफरती ट्वीट को देखकर चरण श्रीवास्तव ने लिखा- आपकी पोस्ट में बहुत सारे लोगों ने कमेंट में तारीफ की है। ये देखकर अच्छा लगा और सुकून मिला। लेकिन कुछ लोग काफी परेशान नजर आए, उनको सलाह है कि मोहब्बत बांटिए तो मन को शांति मिलेगी।

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