कोरोना संकट के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की नेतृत्व क्षमता पर बहस छिड़ गयी है.

कोरोना संकट के इस दौर में कांग्रेस नेता ललन कुमार ने नितीश कुमार की तुलना में लालू यादव को बेहतर नेता बताकर एक नई बहस छेड़ दी है.

दोनों नेताओं की तुलना करते हुए उन्होंने 2008 में बिहार में आई बाढ़ के समय का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव ने बिहार के लोगों के लिए रेलयात्रा मुफ्त कर दी थी. उन्होंने कहा कि उस समय नितीश कुमार मुख्यमंत्री थे मगर उन्हें चालाकी से काम लिया और राहत सामग्री बांटने का चुनावी फायदा उठाया.


युवा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष और सह फिल्म सेंसर बोर्ड भारत सरकार के पूर्व परामर्शदाती सदस्य ललन कुमार ने साल 2008 के बिहार संकट के समय को याद करते हुए कहा कि 2008 में बिहार में कोसी नदी में भयंकर बाढ़ आयी. हज़ारों लोग, उनके घर और मवेशी बह गए. चारों और त्राहिमाम मचा हुआ था.


लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. तुरंत यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री को लेकर बिहार गए. बिहार को बाढ़ का अभी तक का सबसे बड़ा पैकेज वो भी मात्र 4-5 ज़िलों के लिए 1000 करोड़ रू दिलाया. नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू यादव ने बिहार के लोगों के लिए रेल यात्रा मुफ्त कर दी. देशभर से राहत और बचाव सामान दिलाया.


उन्होंने कहा कि मुझे याद है हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार थी. यहाँ से भारी मात्रा में ट्रेनों में भरकर अनाज और पशुओं का भूसा भेजा गया था. लालू ने रेलवे से 90 करोड़ बिहार सरकार को दिलवाए, ख़ुद अपना वेतन दान किया, और तो और उन दिनों एक टीवी शो में जाने पर लालू यादव को एक करोड़ रुपए दिया गया था, उन्होंने वो भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया.


मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर निशाना साधते हुए ललन कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार शुरू से ही शातिर नेता रहे है. ये दीर्घकालीन लाभ के लिए अल्पक़ालीन आलोचना की परवाह नहीं करते क्योंकि चतुर शासक आपदा में मानवीय मदद से ज़्यादा अपनी कुर्सी और वोट के जोड़-तोड़, नफ़ा-नुक़सान में ज़्यादा लीन रहता है. उन्होंने कहा कि उस दौर में भी कोसीवासियों के ग़ुस्से को झेलते रहे क्योंकि वो भलीभाँति जानते है लोगों को बाद में लालच दे दिया जाता है तो वो परेशानी को जल्दी ही भुल भी जाते है.


ललन कुमार ने कहा कि आज की तरह ही नीतीश कुमार ने सारे रिलीफ़ और राहत सामग्री का भंडारण कर लिया. अगले वर्ष चुनावों से चंद महीने पहले जब लोग दुःख-दर्द भुल सामान्य हो रहे थे तब मुख्यमंत्री ने केंद्र से प्राप्त मदद और भंडारित सामग्री को बाँटना शुरू किया और बाद में उसका चुनावी फ़ायदा उठाया.

इस बार भी नितीश कुमार ऐसा ही करने का प्लान बना चुके हैं.


कांग्रेस नेता ने कहा कि आज देश में मज़बूत सरकार है फिर भी देशभर में फँसे ग़रीबों से ट्रेन में स्लीपर क्लास के किराए से 50 रूपये अधिक लिए जा रहे है. वो अलग बात है इसी सरकार ने मुफ्त में विदेशों से लोगों को जहाज़ों में ढ़ोया है. उन्होंने कहा कि लगता है पीएम केयर फ़ंड अमीरों और पूँजीपतियों के लिए ही बना है.

By Editor