मदन मोहन झा का इस्तीफा, ब्राह्मण और दलित नेता रेस में

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया है। अब नए अध्यक्ष के लिए रेस में ब्राह्मण और दलित नेता आगे चल रहे हैं।

कांग्रेस के भीतर सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसी कड़ी में कई प्रदेशों के अध्यक्ष से पार्टी ने इस्तीफा लिया है। सभी प्रदेशों में नए अध्यक्ष मनोनित हो रहे हैं। फिर उन्ही के नेतृत्व में सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया चलेगी। माना जा रहा है है कि जो नेता मनोनित होंगे, बाद में सांगठनिक चुनाव के दौरान उनके ही अध्यक्ष बनने की संभावना ज्यादा होगी।

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल को सौंप दिया है। इसी के साथ नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस के कई नेता इस मामले में मुंह खोलने से कतरा रहे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस में दो तरह की चर्चा है।

कांग्रेस में चर्चा है कि मदन मोहन झा को हटाने के बाद पार्टी किसी ब्राह्मण नेता को ही अध्यक्ष बनाएगी। इस तरह की सोच रखनेवालों के अनुसार दो नाम की ज्यादा चर्चा है। एक हैं प्रेमचंद मिश्र और दूसरे हैं विजय शंकर दूबे। एक और नाम की चर्चा है, वह हैं औरंगाबाद जिले के कुटुंबा से विधायक राजेश राम।

जिसे भी पार्टी अध्यक्ष पद पर बिठाएगी वह दूरगामी राजनीति को ध्यान में रखकर होगा। ब्राह्मण चेहरा लाने के पीछे तर्क है कि ऐसे नेता के कारण पार्टी भाजपा से निराश सवर्ण समाज को करीब ला सकती है। वहीं दलित चेहरा को लाने के पीछे बी तर्क मजबूत है कि बिहार में दलित बड़ी ताकत हैं। उन्हें साथ लाने के लिए पार्टी दलित नेता को आगे कर सकी है।

कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को विपक्ष की भूमिका में लाना है। पार्टी को ऐसा नेता चाहिए, जो सड़क पर संघर्ष कर सके।

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