तेजस्वी के दबाव में नीतीश ने टेका घुटना, आरोपी मंत्री ने दिया इस्तीफा

नियुक्ति घोटाला के आरोपी व नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री मेवा लाल चौधरी ने शपथग्रहण के तीसरे दिन इस्तीफा दे दिया है.

मेवा लाल चौधरी के ऊपर बिहार कृषि विश्वविद्यालय में वॉयस चांस्लर रहते 167 जुनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति मामले में हेराफेरी का आरोप था और उनके ऊपर 420, 120 ए समेत आधा दर्जन के करीब एफआईआर दर्ज था. वह जमानत पर थे.

इससे पहले नीतीश कुमार ने कल मेवा लाल चौधरी को अपने आवास पर बुलाया था. तभी से यह कयास लगाये जा रहे थे कि मेवा लाल चौधरी इस्तीफा दे सकते हैं.

जगहंसाई के बाद जागे नीतीश, घोटाला आरोपी मंत्री को किया तलब

मेवा लाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने के बाद विपक्ष ने पुर जोर तरीके से आवाज उठाई थी. इस कारण नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर गंभीर सवाल उठने लगे थे.

देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने बिहार का राज्यपाल रहते मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच करायी थी और उन पर लगे आरोपों को सच पाया था. ये जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी.

यह मामला 2025 का है. इस मामले में 2017 में मेवालाल चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. काफी दिनों तक पुलिस की दबिश से बचने के लिए मेवालाल चौधरी छुपते फिर रहे थे. उस समय विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने मेवालाल चौधरी को गिरफ्तार करने की मांग भी की थी. लेकिन जब 16 नवम्बर को उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी तो भाजपा के नेता उनके बचाओ में आ गये थे.

इस मामले पर तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार को घेरा. जबकि लालू प्रसाद ने ट्विट कर कहा था कि मेवा लाल का मेवा मिलने के बाद भाजपा भी चुप है.

समझा जाता है कि मेवा लाल चौधरी ने नीतीश के कहने पर इस्तीफा दे दिया है.

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