मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति 2019 पर सुझाव देने के लिए केंद्र सरकार से समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है।

विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल समाप्त होने के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के सदस्य नई शिक्षा नीति वापस लो का नारा लगाते हुए सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाकपा माले के सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया और उसके बाद कहा कि अभी नई शिक्षा नीति 2019 बनी नहीं है । केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के संबंध में राज्यों से 31 जुलाई तक सुझाव देने को कहा है ।

श्री कुमार ने कहा कि उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में है और राज्य के अन्य हिस्से में सूखे की स्थिति है । ऐसे में इस माह के अंत तक बिहार सरकार नई शिक्षा नीति के संबंध में सुझाव नहीं दे पाएगी । उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सुझाव देने के लिए और समय देने की मांग की गई है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति के संबंध में केंद्र को अपना सुझाव देगी । उन्होंने भाकपा माले समेत अन्य सदस्यों से भी आग्रह किया यदि उनके पास नई शिक्षा नीति को लेकर कोई सुझाव है तो वह राज्य सरकार को दें।
इससे पूर्व भाकपा माले के सदस्य शून्यकाल शुरू होते ही अपनी सीट से ही नई शिक्षा नीति के विरोध में पोस्टर लेकर खड़े हो गए और जोर-जोर से कुछ कहने की कोशिश करने लगे । इस पर सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सत्र के अंतिम दिन आपको शिक्षा नीति की कैसे याद आ गई ।
श्री चौधरी ने भाकपा माले के सदस्यों से शून्य काल होने देने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने और नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गए । वे नई शिक्षा नीति को वापस लेने के संबंध में सदन से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग कर रहे थे।

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