प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी आज सहायक सचिवों (2015 बैच के आईएएस अधिकारी) के दी‍क्षांत सत्र को संबोधित करेंगे. आईएएस अधिकारियों का यह तीसरा बैच है जिसके सेवाकाल की शुरुआत केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के साथ हुई है.

नौकरशाही डेस्क

मसूरी के लाल बहादुर शास्‍त्री राष्‍ट्रीय प्रशासन अकादमी से फेज-2 प्रशिक्षण के पश्‍चात सरकार ने सभी 175 अधिकारियों को केंद्र सरकार के 42 मंत्रालयों (58 विभागों) में तीन महीने (3 जुलाई, 2017 से 29 सितंबर, 2017 तक) के लिए संयुक्‍त सचिव के पद पर नियुक्‍त किया था.

तीन महीने के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान उन्‍हें व्‍यक्तिगत परियोजना, समूह परियोजना और परियोजनाओं की समग्र समीक्षा के माध्‍यम से केंद्र सरकार के कार्य-कलाप की विस्‍तृत जानकारी प्राप्‍त हुई. युवा आईएएस अधिकारियों को अपने कैरियर के प्रारंभिक चरण में ही भारत सरकार के कार्यविधि की जानकारी प्राप्‍त करने का अवसर मिला.

संबंधित मंत्रालयों और विभागों के नीतिगत और महत्‍वपूर्ण कार्यक्रमों की जिम्‍मेदारी इन अधिकारियों को दी गई. सचिवों के नौ विभागीय समूहों के द्वारा इन अधिकारियों को परामर्श दिया गया. सहायक सचिवों ने अपने परामर्शदात्री समूहों के समक्ष प्रस्‍तुतियां दीं, जिनमें से 35 प्रस्‍तुतियों का चयन किया गया. इन 35 चयनित प्रस्‍तुतियों में से 8 को प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्‍तुति के लिए चुना गया.

इस पहल का उद्देश्‍य आईएएस अधिकारियों को उनकी सेवा के प्रारंभिक चरण में ही सरकार के कार्य विधि की जानकारी देना है. ऐसी पहल से अधिकारियों को अपनी नियुक्ति के क्षेत्रों में व्‍यापक दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिलती है.

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