Public Affairs Index:सुशासन में बिहार क्यों है आखरी पायदान पर ?

शाहबाज़ की रिपोर्ट.

बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरलता से चुनावी सभाओं में सुशासन के दावे करते हैं लेकिन पब्लिक अफेयर्स सेंटर द्वारा रैंकिंग के मुताबिक बिहार सुशासन के मामले में देश में आखरी पायदान पर हैं.

पब्लिक अफेयर्स सेंटर (PAC) थिंक टैंक द्वारा जारी पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (Public Affairs Index) 2020 में जारी रैंकिंग में केरल (Kerala), तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने टॉप किया है. वहीँ उत्तर प्रदेश, बिहार एवं ओडिशा सबसे आखरी पायदान पर हैं.

बिहार राज्य इससे पहले भी वर्ष 2018 की रैंकिंग में भी पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स में आखरी पायदान पर रहा था. फिर 2019 की रैंकिंग में भी ग्रोथ के मामले में आखरी पायदान पर रहा. विश्लेषक मानते हैं कि ताज़ा रैंकिंग इस बात का सुबूत है कि बिहार में बड़े पैमाने पर सामाजिक एवं आर्थिक असमानता व्याप्त है.

पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स देश के विभिन्न राज्यों (छोटे एवं बड़े) एवं केंद्र प्रशासित प्रदेशों में गुड गवर्नेंस (सुशासन) के आधार पर रैंकिंग जारी करता है. इस इंडेक्स के लिए कई बेंचमार्क तय किये गए हैं जिनमें बुनियादी ढांचे, मानव विकास, सामाजिक सुरक्षा, महिलाओं एवं बच्चों का विकास , कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और राज्य वासियों में सरकार की विस्वसनीयता के आधार पर राज्य सरकारों की रैंकिंग की जाती है.

राष्ट्रीय जनता दल नेता एवं बिहार के नेता प्रतिपक्ष लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुशासन के दावों की आलोचना करते आये हैं. इस रैंकिंग से उनके आर्थिक न्याय की राजनीति को बल मिलता दिख रहा है. तेजस्वी कहते हैं कि बिहार में बेरोज़गारी, पलायन, मानव विकास एवं उद्योगों के विकास से राज्य की तस्वीर बदलेगी.

इसरो (Indian Space Research Organization) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन (K Kasturirangan) ने न्यूज़ वेबसाइट scroll.in को बताया था कि “पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स एक डाटा पर आधारित फ्रेमवर्क है जिसमें गवर्नेंस के आधार पर विभिन्न राज्यों का आंकलन किया जाता है. कस्तूरीरंगन यह इंडेक्स जारी करने वाली संस्था में चेयरमैन हैं.

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