राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ कराने के सरकार के प्रस्ताव को विकासोन्मुखी बताते हुये सभी सांसदों से इस पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है।

श्री कोविंद ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुये सभी सांसदों का आह्वान किया कि वे ‘एक राष्ट्र एक साथ चुनाव’ के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें। उन्होंने इस प्रस्ताव को विकासोन्मुखी बताते हुये कहा कि आज समय की मांग है कि इस तरह की व्यवस्था काे लागू किया जाये ताकि देश का विकास तेजी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों।

उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि सभी राजनैतिक दल, राज्य और 130 करोड़ देशवासी भारत के समग्र और त्वरित विकास के लिए एकमत हैं। हमारे जीवंत लोकतंत्र में पर्याप्त परिपक्वता आ गई है। पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के किसी न किसी हिस्से में प्रायः कोई न कोई चुनाव आयोजित होते रहने से विकास की गति और निरंतरता प्रभावित होती रही है। देशवासियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर, अपना स्पष्ट निर्णय व्यक्त करके, विवेक और समझदारी का प्रदर्शन किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र – एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों। ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास तथा जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।

अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि उद्यमियों के लिए बिना गारंटी के 50 लाख रुपये तक की ऋण योजना लाये जाने की घोषणा करते हुये गुरूवार को कहा कि समाज के हर वर्ग का युवा अपने सपने पूरे कर सके, इसके लिए समय पर वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के सबसे अधिक स्टार्टअप वाले देशों में शामिल हो गया है। स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सरकार नियमों को और भी सरल बना रही है जिसमें और तेज़ी लाई जाएगी। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024 तक देश में 50 हज़ार स्टार्टअप स्थापित करने का है।

By Editor