राजद हमलावर : क्या अगड़े को महिलाओं की नीलामी की छूट है

मुस्लिम महिलाओं को नीलाम करने वाली सवर्ण महिला स्वेता सिंह के बचाव में आये डीजीपी पर राजद आग बबूला। पूछा, स्वेता गरीब है, इसलिए उसे नीलामी की छूट देंगे?

हद है। बुल्ली बाई एप बना कर मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी करने की सूत्रधार स्वेता सिंह को गिरफ्तार करने, उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने के बजाय उत्तराखंड के डीजीपी बचाव में उतर आए हैं। हद है, पुलिस अपना काम छोड़कर भाजपा नेता की तरह बयान दे रही है। डीजीपी ने कहा कि स्वेता के पिता का नहीं हैं। वह गरीब है। हो सकता है, उसने पैसे के लिए यह सब किया हो।

डीजीपी के बयान पर राजद ने हमलावर रुख अपनाते हुए कहा- तब उसे हत्या करने, दहशत फैलाने और महिलाओं को बेचने की अनुमति दे दीजिए, क्योंकि वह EWS (आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण) है। क्या भाजपा के उत्तराखंड की पुलिस यही कहना चाहती है ??

सोशल मीडिया पर स्वेता को लेकर बहस छिड़ गई है। एक पक्ष डीजीपी की तरह बोल रहा है, इसके विपरीत दूसरा पक्ष सवाल उठा रहा है कि जेएनयू के आंदोलकारी छात्रों पर डंडे से हमला करने, शिक्षक और छात्रों का सिर फोड़ देनेवाले हिंदुत्व गिरोह का नेतृत्व कोमल शर्मा नाम की लड़की कर रही थी। उसके बचाव में भी तब लोग खड़े हुए थे। वह आज तक गिरफ्तार नहीं हुई। मुस्लिमों पर हमला करनेवाले को बच्चा बता कर बचाव किया जाता है। अब गरीब कह कर बचाव किया जा रहा है, क्या स्वेता की जगह लड़की का नाम शाहीन होता, तब भी उत्तराखंड के डीजीपी इसी तरह उदारता दिखाते?

उत्तराखंड पुलिस से लोगों का सवाल यह भी है कि इतना जघन्य काम करनेवाली श्वेता को उसने गिरफ्तार क्यों नहीं किया? मुंबई पुलिस ने उसे रुद्रपुर से गिरफ्तार किया। बिहार के विशाल झा को भी मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से पकड़ा। ये दोनों भाजपा शासित राज्य हैं। कर्नाटक, उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस ने नए साल के पहले दिन इतना घृणित काम करनेवालों को क्याें नहीं पकड़ा। कर्नाटक और उत्तराखंड में भाजपा का शासन है और दिल्ली पुलिस अमित शाह के अधीन। हरिद्वार में धर्म संसद की आड़ में मुसलमानों का कत्लेआम करने का आह्वान करने वालों को भी उत्तराखंड पुलिस ने आजतक गिरफ्तार नहीं किया है।

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