केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पटना स्थित एक विशेष अदालत ने बिहार में अरबों रुपये के सृजन घोटाले के एक मामले में आज एक बैंक के तत्कालीन प्रबंधक को न्यायिक हिरासत में लेते हुये जेल भेज दिया।


ब्यूरो ने अदालत से जारी गिरफ्तारी वारंट पर इंडियन बैंक, भागलपुर के पूर्व शाखा प्रबंधक देवशंकर मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र पांडेय के समक्ष पेश किया, जहां अदालत ने अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 06 अगस्त 2019 तक के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में 20 जुलाई को न्यायालय ने अभियुक्त श्री मिश्रा समेत छह अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया था।
मामला भागलपुर में महिला सशक्तीकरण एवं सुदृढ़ीकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं की राशि का सरकारी पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक गबन करने का है। प्रस्तुत मामले की प्राथमिकी वर्ष 2017 में सीबीआई ने दर्ज की थी।

उधर, मादक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की पटना स्थित विशेष अदालत ने गांजा तस्करी के मामले में दो दोषियों को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास के साथ एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) नमिता सिंह ने मामले में सुनवाई के बाद सीवान जिले के स्वराज कुमार शुक्ला और गोपालगंज जिले के संतोष यादव को एनडीपीएस अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषियों को छह-छह माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
आरोप के अनुसार, 07 अप्रैल 2016 को पटना स्थित आर्थिक अपराधा थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पटना-गया सड़क से दोनों दोषियों को एक छोटे वाहन में 60 किलोग्राम गांजा की तस्करी करते हुये गिरफ्तार किया था।
विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि जब्त गांजा ओडिशा के जैपुर से बिहार के गोपालगंज जिले में सप्लाई के लिए लाया जा रहा था।

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