सीतामढ़ी समाहरणालय में जिले के सभी विधायकों, जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के बाद पटना लौटने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बिहार के 12 जिलों में सीतामढ़ी के सर्वाधिक 17 प्रखंडों में से 16 की 127 पंचायतों की 17 लाख 22 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

यहां बाढ़ पीड़ितों के लिए 215 सामुदायिक किचेन व 126 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं जहां 1 लाख 10 हजार लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ आने के एक सप्ताह के भीतर 77,457 परिवारों के खाते में प्रति परिवार 6-6 हजार की दर से 46 करोड़ 47 लाख रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

श्री मोदी ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि एक भी बाढ़ पीड़ित परिवार 6-6 हजार रुपये की सहायता राशि से वंचित नहीं रहेगा। बाढ़ पीड़ितों को क्षतिग्रस्त मकानों के लिए आपदा राहत कोष से व किसानों को उनकी फसल की क्षति का आकलन कर फसल सहायता योजना से सहायता दी जायेगी। 300 से ज्यादा स्थानों पर क्षतिग्रस्त सड़कों को ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण विभाग मोटरेबुल बना कर अगले 10 दिन में चालू कर देगा।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डाॅक्टरों की कमी के बाबत स्वास्थ्य मंत्री से बात की जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने दूसरे जिलों से 20 दिनों की प्रतिनियुक्ति पर डाॅक्टरों की तैनाती का निर्देश दिया। जिन इलाकों से बाढ़ का पानी निकल रहा है वहां बीमारियों की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव, पशुओं के लिए पर्याप्त दवा व टीकाकरण तथा अन्य जिलों से एम्बुलेटरी वैन भेजने व तटबंधों तथा सड़कों के किनारे रह रहे लोगों को पाॅलीथिन मंगा कर वितरित करने का उन्होंने निर्देश दिया।

श्री मोदी ने अपने दौरे के क्रम में एक सामुदायिक किचेन का भी निरीक्षण किया जहां दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता पर लोगों ने संतोष जताया। सामुदायिक किचेन में सभी लोगों के भोजन के लिए बत्र्तन उपलब्ध कराया गया है। किचेन में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखने का पदाधिकारियों को निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में राजद के वरिष्ठ नेता डा. रामचन्द्र पूर्वे व विधायक अब्बु दोजाना भी शामिल थे।

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