तमिलनाडु मामले में अब दैनिक जागरण का झूठ पकड़ाया

दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान को लोग देख चुके हैं कि किस प्रकार भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तमिलनाडु और बिहार में तनाव फैलाया, अब फंसा जागरण।

दैनिक जागरण ने अपने प्रिंट एडिशन में एक खबर छापी कि मधुबनी के युवक की तमिलनाडु में हत्या हो गई। उसकी हेडिंग है-तमिलनाडु में मधुबनी के युवक की हत्या। इस खबर का तमिलनाडु पुलिस ने खंडन किया और इसे सरासर झूठ बताया। कहा कि वह हत्या नहीं, बल्कि पारिवारिक कलह में आत्महत्या है। बिहार पुलिस ने दैनिक जागरण की उस खबर का फोटो लगाते हुए खंडन किया।

दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान के झूठ का भंडाफोड़ हो चुका है और दोनों अखबार की बोली भी बदल गई है। भाजपा समर्थकों ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए हैं। यह सब हुआ तमिलनाडु पुलिस के एक्शन के बाद। फिर तो बिहार पुलिस ने भी एफआईआर की। इसकी असर दैनिक जागरण पर भी दिख रहा है।

खास बात यह है कि एक ही खबर को दैनिक जागरण के प्रिंट एडिशन में अलग हेडिंग से छापा गया है और वही खबर इस अखबार के डिजिटल एडिशन में अलग हेडिंग से प्रकाशित किया गया है। मालूम हो कि प्रिंटेड अखबार तो क्षेत्र में ही रहते हैं, पर डिजिटल खबर को दुनिया भर में पढ़ा जा सकता है।

दैनिक जागरण ने प्रिंट एडिशन (मधुबनी संस्करण) में लिखा-तमिलनाडु में मधुबनी के युवक की हत्या। इसी खबर को इसी अखबार के डिजिटल एडिशन में -तमिलनाडु में बिहार के युवक की मौत, पत्नी ने जताई हत्या की आशंका, पुलिस ने किया खारिज। एक ही अखबार में एक ही खबर की दो हेडलाइन से समझिए किस प्रकार पाठकों के साथ अखबार वाले खेला कर रहे हैं। डिजिटल में हेडिंग बैलेंस है। उसे मधुबनी के लोग शायद कम ही पढ़ेंगे, जबकि प्रिंट में सीधे हत्या की बात लिखी गई, जो मधुबनी के लोग ज्यादा पढ़ेंगे।

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