एनसीपी नेता व सांसद तारिक अनवर ने एक साथ दो निशाना साधा है. एक तरफ जहां उन्होंने राहुल गांधी को पीएम पद की दावेदारी का समर्थन कर दिया है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इशारों इशारों में एनडीए छोड़ने का प्रपोजल दे डाला है.

कटिहार के सांसद ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चंद्राबाबू नायडू की तरह  राज्यहित में फैसला लेना चाहिए. अनवर के इस बयान का बड़ा अर्थ निकाला जा रहा है. क्योंकि राज्यहित में फैसला लेने के बयान में उन्होंने चंद्रा बाबू नायडू का हवाला दे कर यह जता दिया है कि नीतीश कुमार को एनडीए का दामन छोड़ देना चाहिए.

याद रखने की बात है कि चंद्रा बाबू नायडू की पार्टी  एनडीए सरकार में शामिल थी और पिछले दिनों उसने खुद को केंद्र सरकार और एनडीए से अलग करने का ऐलान कर दिया था. नायडू ने सरकार से अलग होने का फैसला यह कहते हुए लिया था कि मोदी सरकार ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था लेकिन उन्होंने चार साल बीत जाने के बावजूद अपने वादे को पूरा नहीं किया. नायडू आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उनकी तेलुगू देशम पार्टी एनडीए में शामिल थी.

 

तारिक अनवर ने मुख्यंत्री नीतीश कुमार से राज्य हित में फैसला लेने की बात कह कर इशारों में कह डाला है कि बिहार को चूंकि चार साल में मोदी सराकर ने विशेष राज्य का दर्जा देने के अपने वादे को पूरा नहीं किया है इसलिए उन्हें भी चंद्रा बाबू नायडू की तरह फैसला लेना चाहिए.

वहीं दूसरी तरफ अनवर ने राहुल गांधी को 2019 में यूपीए की तरफ से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार स्वीकार करके यह साफ कर दिया है कि यूपीए की तरफ से राहुल के अलावा कोई और पीएम पद का  उम्मीदवार नहीं हो सकता.

तारिक अनवर व उनकी पार्टी एनसीपी, यूपीए का पहला ऐसा घटक है जिसने राहुल को पीएम पद का दावेदार स्वीकार किया है.

उधर जदयू ने पिछले कुछ दिनों से राज्य को विशेष दर्जा के लिए अपने मुहिम को और तेज कर दिया है. जिससे यह कयास तेज होता जा रहा है कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार बड़ा फैसला ले सकते हैं. गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव भी पहले ही कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को चंद्राबाबू नयडू से सीखना चाहिए.

 

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