कोटा में फंसे बिहारी छात्रों के मामले में घिरे नीतीश सरकार को अब तेजस्वी यादव ने चुनौती दे डाली है. तेजस्वी ने कहा है कि अगर छात्रों को बिहार लाने में सरकार सक्षम नहीं तो उन्हें अनुमति दी जाये वह खुद उन्हें ले कर आयेंगे.

तेजस्वी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कोटा के विभिन्न संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों में से एक के पिता व भाजपा विधायक अनिल सिंह ने अपनी बेटी को विशेष पास द्वारा घर ले कर आये हैं.

इससे पहले नीतीश कह चुके हैं कि कोटा से (6500) छात्रों को लाना लाकडाउन की मर्यादा का उल्लंघन है. इसके बावजूद वहां से सेलेक्टिव रूप से विधायक को अपनी बेटी के लिए पास निर्गत करने पर सरकार की भारी आलोचना हो रही है.

लोगों का तर्क है कि जब उत्तर प्रदेश सरकार 200 बसों में भर कर राज्य के छात्रों को ला सकती है तो बिहार के छात्रों को क्यों नहीं लाया जा सकता.

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तेजस्वी यादव (Tejashw Yadav) ने ट्विट कर कहा है कि “ख़ास लोगों के प्रति समर्पित बिहार सरकार अगर कोटा में फँसे आम विद्यार्थियों को लाने में अक्षम, अशक्त और असमर्थ है तो हमें विशेष अनुमति प्रदान करें,हम उन 6500 छात्रों को बिहार लेकर आएँगे।संकट की इस घड़ी में बिहार के भविष्य निर्दोष नादान बच्चों को ऐसे नहीं छोड़ सकते। अनुमति दिजीये”.

इससे पहले तेजस्वी यादव दिल्ली, मुम्बई और सूरत समेत अनेक शहरों में फंसे बिहारी कामगारों को विशेष ट्रेन से बिहार बुलाने की मांग सरकार से कर चुके हैं. तब उन्होंने कहा था कि सरकार अगर पांच सितारा होटलों में ठहरने वाले अमीरों को हवाई जहाज से भारत में आने की अनुमति दे सकती है तो कामागरों को ट्रेन से आने की अनुमति क्यों नहीं दे सकती.

नीतीश सरकार की सहयोगी पार्टी भाजपा के विधायक अनिल सिंह के नाम से निर्गत अनुमति पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसके बाद नीतीश सरकार की जोरदार आलोचना हो रही है.

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