‘थैंक्यू मोदी जी’ का केजरीवाल ने दिया ‘जवाब’, भाजपा चुप

अस्पतालों से विवि तक ‘थैंक्यू मोदी जी’ की होर्डिंग लगी है। अब केजरीवाल भी दिल्ली के पैसे से गुजरात, पंजाब, बिहार सहित अन्य राज्यों में कर रहे प्रचार।

आज सुबह का अखबार देखकर बिहार-झारखंड ही नहीं, गुजरात और पंजाब के पाठक भी चौंक उठे। गुजरात में गुजराती, पंजाब में पंजाबी, बिहार-झारखंड में हिंदी में पूरे एक पन्ने में दिल्ली सरकार का प्रचार था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फोटो भी है। प्रचार दिल्ली सरकार के पैसे से है अर्थात दिल्ली की जनता के पैसे से। एक-एक पन्ने का विज्ञापन हर प्रदेश के प्रमुख अखबारों में दिया गया है। केजरीवाल के प्रचार में लिखा है- कोविड से जो दुनिया छोड़ गए, उनके परिवारों के साथ है दिल्ली सरकार। यह मोटे अक्षरों में लिखा है। नीचे आर्थिक सहायता योजना का जिक्र है।

दिल्ली सरकार के कार्य का प्रचार दिल्ली में उचित है, पर गुजरात से बिहार तक प्रचार का क्या मतलब है? खास बात यह कि पहले ऐसा प्रचार करने पर केजरीवाल के खिलाफ भाजपा नेता पीछे पड़ जाते थे। इसे जनता के पैसे की बर्बादी और अपना प्रचार बताकर कड़ी आलोचना करते थे। इस बार भाजपा के बड़े नेता चुप हैं। क्यों?

इससे पहले देश के अस्पतालों से लेकर विश्वविद्यालयों तक में थैंक्यू मोदी जी की होर्डिंग लगी। आज भी कई संस्थाओं की वेबसाइट पर थैंक्यू मोदी जी का प्रचार दिखता है। यह सबको फ्री वैक्सीन देने के लिए थैंक्यू है। कई बुद्धिजीवियों ने थैंक्यू मोदी जी लिखने पर सवाल उठाया था कि वैक्सीन देश के पैसे से दिया जा रहा है, फिर ऐसा प्रचार क्यों? आखिर पहले से कई तरह के वैक्सीन फ्री में खासकर बच्चों को दिए जाते रहे हैं।

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उसने गांधी को क्यों मारा पुस्तक के लेखक अशोक कुमार पांडे ने गुजराती अखबार में गुजराती में छपा ऐसा ही एक पन्ने का विज्ञापन शेयर करते हुए लिखा-दिल्लीवालों, तुम्हारे पैसे से तुम्हारी सरकार ने यह विज्ञापन छापा है तुम्हारी मदद के लिए। बस छपा गुजरात में है, गुजराती में है। केजरीवाल साहब चाहते हैं सुबह उठ के अहमदाबाद घूमने जाओ और गुजराती सीख के मदद के लिए अप्लाई करो। तो बजाओ ताली मुख्यमंत्री जी के लिए…।

सवाल है केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी का जवाब दे रहे हैं या अनुसरण कर रहे? प्रधानमंत्री सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसा ही प्रचार करने लगें, तो क्या होगा?

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By Editor