TMC ने अचानक क्यों की सॉलिसिटर जनरल को हटाने की मांग

अबतक सीबीआई, चुनाव आयोग व कुछ अन्य संस्थाओं की भूमिका पर विपक्ष सवाल उठाता रहा है। पहली बार देश के सॉलिसिटर जनरल विवादों में आए।

आज देश में एक नया बवाल उठ खड़ा हुआ। TMC सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पद से हटाने की मांग की। पत्र में सांसदों ने लिखा है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प. बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अदिकारी से मुलाकात की। इसका वीडियो भी सामने आया है। मालूम हो कि सुवेंदु अधिकारी पर नारदा घोटाला और सारधा चिट फंड घोटाले का केस चल रहा है।

तृणमूल सांसदों डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय और महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अटार्नी जनरल के बाद सॉलिसिटर जनरल देश के दूसरे सर्वोच्च कानूनी अधिकारी हैं। ये भारत सरकार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर कानूनी सलाह देते हैं। जैसे नारदा घोटाला या सारधा घोटाला। सॉलिसिटर जनरल, जो भारत सरकार की एजेंसियों को भी सलाह देते हैं, का इस तरह गंभीर आरोपी सुवेंदु अधिकारी के साथ मिलना, उनकी संवैधानिक जिम्मेदारियों के विरुद्ध है। सालिसिटर जनरल का मिलना सारधा घोटाले और नारदा मामले में सुवेंदु को राहत देने की आशंका पैदा करता है।

टीएमसी सांसदों के इस पत्र के बाद दिल्ली से बंगाल तक बवाल खड़ा हो गया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को बयान देना पड़ा। उन्होंने इतना स्वीकार किया कि सुवेंदु उनसे मिलने आए थे, पर कहा कि वे उनसे नहीं मिले।

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इस बीच टीएमसी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें सुवेंदु अधिकारी तुषार मेहता के घर पहुंच रहे हैं। पार्टी ने ट्वीट किया कि तुषार मेहता अपने घर के सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करें। इस घटनाक्रम से पूरे बांगाल की राजनीति में उबाल आ गया है। इससे पहले खुद ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। महुआ मोइत्रा ने राजभवन में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, लेकिन अबतक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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By Editor