त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा : तेजस्वी भी बोले, नहीं दबेगी आवाज

त्रिपुरा में अल्पसंख्यकों पर हमले का विरोध करने पर 120 लोगों पर यूएपीए लगा दिया गया। इसके खिलाफ सारे विपक्षी दल खड़े हो गए हैं। तेजस्वी ने भी सरकार को घेरा।

कांग्रेस, सपा, राजद सहित देश के सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने पर 102 लोगों पर यूएपीए लगाने का विरोध किया है। आज तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सच की आवाज दबाई नहीं जा सकती।

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया-त्रिपुरा को साम्प्रदायिकता की आग में झोंका जा रहा है। लोग दहशत में है और कानून व्यवस्था के संचालक उल्टे न्याय के लिये आवाज़ उठाने वालों पत्रकारों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर ही UAPA मुकदमा कर रहे है। यह बर्दाश्त के बाहर है।

अबतक आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और बसपा की मायावती ने त्रिपुरा की हिंसा पर कोई बयान नहीं दिया है।

तेजस्वी यादव ने #Tripura_Is_Burning के साथ ट्वीट किया है। इस हैशटैग का खास महत्व है। त्रिपुरा इज बर्निंग सिर्फ इतना ही लिखने पर पत्रकार श्याम मीरा सिंह पर यूएपीए की धारा लगा दी गई है। कल से इस हैशटैग के साथ हजारों लोग ट्वीट कर चुके हैं। यह एक तरह से त्रिपुरा पुलिस को चुनौती है कि हम पर भी यूएपीए लगाओ।

आज अनेक लोगों ने हिंदुत्ववादी संगठनों और एक न्यूज चैनल के ट्वीट को दिखाया है, जिसमें खुलेआम बांग्लादेश का बदला लेने के लिए त्रिपुरा में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। लोगों ने त्रिपुरा पुलिस से पूछा है कि आप इन पर यूएपीए क्यों नहीं लगा रहे।

इस बीच प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा देशभर के पत्रकारों के कई संगठनों, एडिटर्स गिल्ड ने त्रिपुरा पुलिस द्वारा यूएपीए लगाने का विरोध करते हुए कहा कि इस आतंकवाद विरोधी कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।

पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट किया-त्रिपुरा में विश्व हिंदू परिषद की रैली जिसमें मुहम्मद साहब पर भद्दी टिप्पणियों से लेकर अल्पसंख्यकों के लिए आपत्तिजनक नारे लगे. उनमें से कितने लोगों पर UAPA लगा? क्या ये रैली भड़काऊ और दंगे सुलगाने वाली नहीं थी?

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