रक्षा मंत्रालय (वित्‍त) के अंतर्गत रक्षा लेखा विभाग का दो दिवसीय ‘नियंत्रक सम्‍मेलन-2017’  आज से शुरू हो गया. सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए सेना अध्‍यक्ष ने रक्षा लेखा विभाग द्वारा की गई पहल जैसे रक्षा यात्रा सिस्‍टम, ई-पीपीओ (इले‍क्‍ट्रोनिक पेंशन अदायगी आदेश), राष्‍ट्रीय संकलन प्रणाली और भारतीय सेना को इससे होने वाले लाभों के बारे में बताया. उन्होंने खरीद में समय सीमा पर जोर दिया ताकि रक्षा सेवाओं को आवंटित बजट का पूरा लाभ मिल सके.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्होंने विभाग को स्वचालन के लिए किए गए प्रयासों के लिए बधाई दी, जिससे पारदर्शिता और प्रभावशाली कार्य प्रणाली और लेखा कार्यों में विशेषज्ञता, लेखा परीक्षा और वित्तीय मामलों में काफी सहायता मिली. उन्‍होंने विभिन्न एजेंसियों द्वारा वितरण में एकरूपता की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने विभाग में एक अभिन्न आंतरिक नियंत्रण प्रणाली के रूप में धोखाधड़ी का पता लगाने और उसकी रोकथाम के महत्व पर भी जोर दिया और इसको मजबूत बनाने के लिए किए गए प्रयासों के लिए विभाग को धन्यवाद दिया.

सम्मेलन का थीम है- ‘सुदृढ़कार्य प्रणाली और नियंत्रण- द वे फॉरवर्ड’ सम्मेलन में पांच वाणिज्‍य सत्र होंगे जैसे ऑनलाइन लेखा परीक्षा कार्यान्‍वयन के माध्‍यम से लेखा परीक्षा को परिवर्तित करना-सीआईसीपी, आईएमएमओएलएस, आईएलएमएस, बिग डेटा से लाभ उठाना, भुगतान कार्यों का परिवर्तन, रक्षा लेखा में एकीकृत वित्तीय सलाहकार प्रणाली के कार्यान्वयन में चुनौतियां, प्रभावी मानव संसाधन प्रबंधन के लिए रणनीति और सीपीडीएस के माध्‍यम से और डीटीएस के  कार्यान्वयन से पेंशन कार्यों में शून्‍य समस्‍या होना.

रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), श्रीमती वीना प्रसाद ने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे रक्षा सेवाओं और रक्षा लेखा विभाग पर आपसी लाभ के लिए समस्‍याओं के बारे में विचार-विमर्श करें और समाधान प्रदान करें. वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा)  सुनील कोहली ने विभाग के मौलिक मूल्यों जैसे  स्‍वायत्‍ता, विश्वसनीयता और समयावधि पर प्रकाश डाला. उन्होंने ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए बेहतर डेटा विश्लेषण की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने रक्षा लेखा विभाग के अधिकारियों को सलाह दी कि कार्यों में समय कम लगाने के लिए पूरे उत्‍साह और मिशन मोड में काम करें.

सम्मेलन में बेहतर निर्णय लेने के लिए विश्‍लेषण प्रणाली के विषय,एकीकृत वित्तीय सलाहकार प्रणाली के कार्यान्वयन में चुनौतियां, रक्षा लेखा विभाग के मुख्य कार्यों में परिवर्तन प्रबंधन और रक्षा पेंशन के मुद्दों को संभालने के लिए बेहतर भागीदारी प्रबंधन जैसे मुद्दों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा. इस सम्मेलन से ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान की सुविधा और नए विचार प्रस्‍तुत किए जाने की आशा है, जो हमारे सशस्त्र बलों के वित्तीय प्रबंधन में योगदान कर सकते हैं. सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय, रक्षा लेखा विभाग और रक्षा सेवा मुख्यालयों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे.

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