युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा का मानना है कि समाज को दंगामुक्त और नंगामुक्त नहीं बनाया गया तो भारत में गृहयुद्ध की स्थिति उतपन्न हो जायेगी और देश छिन्न-भिन्न हो जायेगा. इन्ही मुद्दों को ले कर मोर्चा ने एक अभियान छेड़ रखा है. इसी क्रम में आगामी 26 नवम्बर को पटना में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया है.

कमाल अशरफ के साथ प्रो. असलम व मुश्ताक

इस सम्मेलन को ऑलइंडिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा को शूद्र एकता परिषद का समर्थन प्राप्त है. मोर्चा के उपाध्यक्ष कमाल अशरफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में तैयारियों की जानकारी दी. अशरफ ने कहा कि देश में महंगाई, भ्रष्टाचार, भुखमरी आदि मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस की जरूरत है.

26 नवम्बर को दंगामुक्त-नंगामुक्त सम्मेलन

अगर सरकार ने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया तो संभव है कि देश सिविल वार में फंस जायेगा. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर प्रभावी तौर पर कदम तभी उठाया जा सकता है जब हम देश को दंगामुक्त बनायें. उन्होंने कहा कि देश को नंगामुक्त बनाने के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधन करके इस में दलितों और आदिवासियों की तरह अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होने जोर दे कर कहा कि  यह ऐसा विषय है जो राज्य सरकारों के अधीन है. राज्य सरकार ईमानदारी दिखाये तो इस अधिनियम में संशोधन हो सकता है और इसे लागू करके हम समाज से दंगा नामक राजनीतिक कोढ़  को खत्म कर सकते हैं. कमाल अशरफ ने कहा कि राज्य में दंगा से अब तक हजारों लोगों की जानें तो गयी ही हैं, साथ ही लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका है जिसके कारण भूखमरी, गरीबी और भ्रष्टाचार जैसे संगीन मामले में हमारे सामने हैं.

 

संवाददाता सम्मेलन में मोर्च का एक अन्य उपाध्यक्ष प्रोफेसर असलम ने कहा कि देश में भाईचारे की और विकास की राजनीति की जरूरत है और यह तभी संभव है जब सबके साथ न्याय हो. लिहाजा राज्य सरकार को अत्याचार निवारण कानून में संशोधन करना चाहिए.

इस अवसर पर  ऑल इंडिया युनाइटेट मुस्लिम मोर्चा के महासिचव मुश्ताक आजाद ने कहा कि मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डाक्टर एजाज अली के नेतृत्व में मुसलमानों के अधिकार के लिए विगत 20 वर्षों से संघर्ष कर रहा है. इस दौरान इसने संविधान के अनुच्छेद 341 में संशोधन करके दलित मुसलमानों को आरक्षण के दायरे में लाने का अभियान चलाया. मोर्चा अब भी इस आंदोलन में जुटा है. इसी क्रम में डा. एजाज अली ने पिछले 16 अगस्त से अत्याचार निवारण कानून में संशोधन कर मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अभियान शुरू किया है.

 

इसी अभियान के तहत आगामी 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर दंगामुक्त-नंगामुक्त सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.

 

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