यूपी चुनाव में गूंजी पसमांदा मुस्लिमों की मांग, आगे आया AMU

बिहार के पसमांदा मुसलमान दशकों से धर्म के आधार पर आरक्षण में भेदभाव का विरोध करते रहे हैं। अब यूपी चुनाव में उठा सवाल। सामने आए AMU स्टूडेंट्स।

बिहार के पसमांदा मुस्लिमों के कई संगठन धर्म के नाम पर आरक्षण से वंचित करने के खिलाफ आंदोलन चलाते रहे हैं। अब यूपी चुनाव में भी पसमांदा मुस्लिमों का सवाल उठा। एएमयू के पूर्ववर्ती छात्रों ने सभी राजनीतिक दलों के नाम जारी किया मांग पत्र।

बिहार के पसमांदा मुसलमानों के कई संगठन संविधान की धारा 341 से धार्मिक प्रतिबंध हटाने की मांग करते रहे हैं। इसी प्रतिबंध के कारण दलित मुसलमानों और दलित ईसाइयों को अनुसूचित जाति के आरक्षण से वंचित होना प़ड़ता है। हिंदू दलित जो काम करते हैं और समाज में उनकी जो सामाजिक-शैक्षणिक स्थिति है, उससे भी बदतर है दलित मुस्लिमों की स्थिति। लेकिन धार्मिक प्रतिबंध के कारण मुस्लिम दलित आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी अजा के आरक्षण से वंचित है।

अब यूपी चुनाव को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विवि के पूर्व छात्रों के संगठन ने यूपी के सभी दलों के नाम मांग पत्र जारी किया है। इसमें सभी दलों से धारा 341 से धार्मिक प्रतिबंध हटाने को लेकर स्टैंड साफ करने को कहा गया है। एएमयू के पूर्व छात्रों के संगठन ने कहा है कि जो दल इस मांग का समर्थन करेगा, उनका संगठन उस दल को चुनाव में समर्थन देगा।

एएमयू के ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन (AMUOBA) की लखनऊ शाखा ने यह मांग पत्र जारी की है। संगठन ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और यही सबसे उपयुक्त समय है, जब मुस्लिमों और पिछड़े वर्ग को अपनी मांगें राजनीतिक दलों के सामने रखनी चाहिए। संगठन ने राजनीतिक दलों के सामने नौ मांगें रखी हैं। संगठन के अध्यक्ष प्रो. शकील अहमद किदवई ने मांग पत्र जारी किया। इसमें धारा 314 से धार्मिक प्रतिबंध हाटने के अलावा पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों में मुस्लिमों को अधिक मौका देने की मांग शामिल है।

जिप अध्यक्ष चुनाव में पशुओं की तरह पार्षदों की नीलामी

By Editor