यूपी में BJP के 60 मुस्लिम प्रत्याशी जीते, कहां चुके अखिलेश

यूपी नगर निकाय चुनाव में BJP के 60 मुस्लिम प्रत्याशी जीते। बिल्किस पर चुप्प, सारस पर सक्रिय के कारण हारे? ओवैसी की AIMIM, आप, कांग्रेस का भी अच्छा प्रदर्शन।

यूपी नगर निकाय चुनाव में BJP के 60 मुस्लिम प्रत्याशियों को जीत मिली है। इस खबर ने पुरानी बहस को फिर से ताजा कर दिया है। कहा जा रहा है कि अल्पसंख्यकों के सवाल पर चुप्पी से यूपी के मुस्लिम मतदाता नाराज हैं। इसी का परिणाम है कि भाजपा राज्य के सभी 17 मेयर पदों को जीतने में कामयाब रही। निकाय चुनाव में भाजपा के जो मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव जीते, वे सभी मुस्लिम बहुल इलाके में हैं। इन सीटों पर हारने वाले भी मुस्लिम प्रत्याशी ही हैं। जाहिर है, इन सीटों पर भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशियों ने सपा के मुस्लिम प्रत्य़ाशियों को शिकस्त दी है।

तो क्या यह माना जाए कि राज्य में मुस्लिमों का सपा से मोहभंग हो रहा है या भाजपा की पसमांदा मुसलमानों में प्रवेश की कोशिश सफल हो रही है या कोई और बात है।

नगर निगम की 1420 सीटों में भाजपा को 813, सपा को 191, बसपा को85, कांग्रेस को 77, एमआईएम को 19, रालोद को 10 तथा आप को आठ सीटों पर जीत मिली है। इसी प्रकार नगर पालिका अध्यक्ष 199 पदों में भाजपा को 89, सपाको 35, बसपा को 16, रालोद को 7, कांग्रेस को 4, एमआईएम और आप को तीन-तीन अध्यक्ष पदों पर जीत मिली है। स्पष्ट है कि यूपी की जमीन में कुछ बदलाव हो रहा है, जिसका सीधा मुकसान सपा को हो रहा है। कांग्रेस का संगठन नीचे बिल्कुल समाप्त जैसा है, फिर भी उसे इतनी सीटें मिल रही हैं। एमआईएम तथा आप ने भी उपस्थिति दर्ज करा दी है।

अखिलेश कह रहे हैं कि उन्हें प्रशासन ने हराया। हालांकि, ऐसा मानने वाले लोग भी कम नहीं हैं, जिनका कहना है कि सारस को लेकर सक्रियता तो ठीक है, लेकिन उससे ज्यादा सक्रियता उन्हें मुस्लिमों के बड़े सवालों पर दिखानी चाहिए। उनकी कम सक्रियता के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दिल्ली में पहलवानों के संघर्ष पर भी अखिलेश की सक्रियता नहीं के बराबर है। यही हाल रहा, तो 2014 लोकसभा चुनाव में क्या होगा?

कर्नाटक के बाद : रवीश निराश क्यों, द टेलिग्राफ आशावादी क्यों

By Editor