यूपी : प्रधानमंत्री की रैली में स्कूली बच्चे, हो रहा विरोध

आज प्रधानमंत्री ने यूपी के बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना का उद्गाटन किया। इसमें बड़ी संख्या में स्कूली ड्रेस में बच्चे दिखे। सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों-सभाओं के साथ हमेशा कुछ-न-कुछ विवाद हो जाता है। पिछली रैलियों में सरकारी बसों को हजारों की संख्या में जब्त करने तथा उससे सभा के लिए लोगों को लाए जाने पर हंगामा हो चुका है। अब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के बलरामपुर में सरयू नहर परियोजना का उद्घाटन किया। इस सरकारी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे ड्रेस में शामिल थे। यो तो उन्होंने खुद स्कूल की अपनी क्लास छोड़ दी और कार्यक्रम में शामिल हुए या उन्हें क्लास से लाया गया, जो भी हो, पर इस पर सोशल मीडिया में सवाल उठ रहे हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में स्कूली बच्चों का शामिल होना उचित है?

लेखिका और पत्रकार मृणाल पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के शामिल होने पर विरोध जताया है। उन्होंने ट्वीट किया-कोविड ने बच्चों की स्कूली शिक्षा को वैसे ही करीब दो सालों से ग्रहण लगा रखा था। अब राम-राम करके कक्षाएं चालू हुई हैं, तो क्लास के समय उनको इस तरह किसी भी रैली में लाए जाने पर रोक लगनी चाहिए।

आलोक रंजन गुप्ता ने ट्वीट किया-तो ये कौन सी नई बात है? 7 दिसंबर को मोदी जी की गोरखपुर रैली में सारे प्राइमरी सरकारी स्कूल के टीचर भी लाए गए थे बसों से ढोकर। और तो और उस दिन स्कूल भी बंद करा दिए गए थे कि उस दिन पढ़ाई ऑनलाइन करवाई जाय। ये है सबका साथ, सबका विकास। सईद ने लिखा है-बनारस में भी मोदी जी के कार्यक्रम को देखते हुए शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की गई है।

इससे पहले मनरेगा मजदूरों को सभा में ढोकर लाए जाने का मामला भी सामने आ चुका है।

इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि नहर परियोजना का 75 फीसदी कार्य सपा सरकार में पूरा हो चुका था। भाजपा केवल दूसरों के कार्यों का श्रेय लेने में जुटी है, लेकिन जनता समझ रही है।

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