एनडीए में घमासान के बाद क्‍या अब बारी महागठबंधन की है, क्‍योंकि अब महागठबंधन के दलों में भी अपनों पर ही बयानबाजी शुरू हो चुकी है। इसकी एक झलक आज देखने को मिली, जब राजद के दिग्‍गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चुनाव लड़ने की बात कही, तब एनडीए छोड़ महागठबंधन में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने उन्‍हें फ्री स्‍टाइल नेता बताया दिया।

उपेंद्र कुशवाहा

नौकरशाही डेस्‍क

रोहतास के डिहरी में कुशवाहा में उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान पर कंज कसा और कहा कि रघुवंश प्रसाद फ्री-स्टाइल के नेता हैं। राजद में भी उनकी बातों का कोई अर्थ नहीं है। उन्‍होंने कहा कि  रघुवंश प्रसाद ने कॉमन सिंबल पर चुनाव लड़ने की जो बात की है, वह पूरी तरह बेमानी है।

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जब राजद में भी उनकी बात कोई नहीं मानता है तो ऐसे में कॉमन सिंबल पर चुनाव लड़ने की उनकी सलाह पर प्रतिक्रिया देना भी वे उचित नहीं समझते हैं। राजद के तरफ से कोई आधिकारिक बयान आए तो उस पर कुछ सोचा जा सकता है।

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मालूम हो कि आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने महागठबंधन के घटक दलों को सौदेबाजी नहीं करने की नसीहत देते हुए कहा था कि लक्ष्य देखें और जीतने वाले कैंडिडेट हों तभी सीट मांगें। रघुवंश प्रसाद सिंह ने छोटे दलों को राजद के टिकट पर ही चुनाव लड़ने के लिए इशारा किया।

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उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट का महत्व है और जो ज्यादा सीटें जीतेगा, वही प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने सहयोगी दलों से कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, कॉमन प्लेटफॉर्म और कॉमन सिंबल पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए।

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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश सिंह ने बातचीत में महागठबंधन के लक्ष्य को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि हम भाजपा को हराने के मकसद से ही एक छतरी के नीचे आ रहे हैं। ऐसे में छोटे दल सिर्फ लक्ष्य को देखें। जीतने वाले प्रत्याशी लाएं, तभी सीट मांगें। रघुवंश ने छोटे दलों को महागठबंधन के चार सबक भी बताए।

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