‘मेरे पास मां है’ दीवार फिल्‍म के इस डायलॉग को भला कोई कैसे भूल सकता है. मगर इसे कहने वाला एक बेजोड़ अदाकार शशि कपूर अब नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में उन्‍होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांसे लीं. उनके निधन पर देश के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक व्यक्त करते हुए कहा- उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं. वो सार्थक सिनेमा के अभिनेता थे. उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्‍हें वरसटाइल अभिनेता बताते हुए शोक व्‍यक्‍त किया.

नौकरशाही डेस्‍क

बता दें कि शशि कपूर का जन्‍म 18 मार्च 1938 को पृथ्वी राज कपूर के घर हुआ था. उन्‍होंने बतौर बाल कलाकार सिनेमा इंडस्‍ट्री में काम करना शुरू किया था. उन्‍होंने अपने फिल्‍मी करियर में कुल 160 फिल्में की, जिनमें 12 अंग्रेजी और 148 हिंदी फिल्में थीं.  साल 1961 में फ़िल्म ‘धर्म पुत्र’ से बतौर हीरो बड़े पर्दे पर आए और ‘चोरी मेरा काम’, ‘फांसी’, ‘शंकर दादा’, ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, ‘मुकद्दर’, ‘पाखंडी’, ‘कभी-कभी’ और ‘जब जब फूल खिले’ जैसी फिल्‍मो’ से लोगों के दिल में बस गए.

फ़िल्म इंडस्ट्री में शशि कपूर को कई पुरस्कार भी मिले. 2011 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्मभूषण से भी नवाजा गया था. दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया था. इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बने थे. वे बॉलीवुड के रोमांटिक स्टार के तौर पर पहचाने जाते थे.

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