विधानसभा में शराब की बोतलें, नीतीश तुरत इस्तीफा दें : तेजस्वी

जहां मुख्यमंत्री व उनके विधायकों ने शराब नहीं पीने की कमस खाई, वहीं शराब की बोतलें मिलीं। तेजस्वी ने कहा नीतीश को एक सेकेंड कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं।

देश के इतिहास में पहली बार किसी विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें मिली हैं। बिहार विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें मिलने के बाद अचानक राज्य की राजनीति में उबाल आ गया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा हमला किया। कहा, दूसरे का घर, परिसर सील करनेवाले नीतीश कुमार किस मुंह से शराबबंदी की बात करते हैं। नीतीश को अब एक सेकेंड भी कुर्सी पर बैठने का हक नहीं।

हद तो यह है कि एक दिन पहले इसी परिसर में मुख्यमंत्री ने एनडीए के सारे विधायकों ने शराब नहीं पीने की कसम खिलाई थी।

शराब की बोतलें मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया-विधानसभा परिसर में शराब ही शराब। यह अति है। मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश जी को अब एक सेंकड भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री कल इसी परिसर में NDA के विधायकों को संकल्प दिला रहे थे। जो विधायक उनसे शराबबंदी की विफलता पर सवाल कर रहे थे उन्हें वो डांट रहे थे।

तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार विधानसभा में ही शराब की ढेरों बोतलें मिली हैं! दूसरों की संपत्ति सील करवाने वाले, महिलाओं के बाथरूम व बेडरूम में पुरूष पुलिसकर्मियों की तांका झांकी को उचित ठहराने वाले, लोगों को जेल भेजने वाले CM को स्वयं इस बात पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए?

मुक्यमंत्री नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी की निरंकुश कार्यशैली के समर्थक रहे हैं। आपको याद होगा कि जब पत्रकारों ने तीन कृषि कानून वापस लेने पर सवाल किया, तो नीतीश कुमाार ने जवाब दिया कि पीएम ने लाया था, उन्होंने ही वापस कर लिया। बात खत्म। मतलब संसद का कोई महत्व नहीं। मन में आया तो कानून बना दिया, मन में आया तो खत्म कर दिया। क्या नीतीश कुमार भी किसी दिन अचानक शराबबंदी खत्म कर देंगे? वे शराबबंदी की विफलता को सिरे से खारिज कर देते हैं। उन्होंने संवाद की कोई जगह ही नहीं छोड़ी है। तेजस्वी ने सवाल उठाया है कि घर में, होटल में, व्यावसायिक परिसर में शराब मिलने पर सील करनेवाले सीएम अब क्या विधानसभा को ही सील करेंगे?

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By Editor