विष्णुपद मंदिर विवाद पर जदयू ने भाजपा को दिया मुंहतोड़ जवाब

गया के विष्णुपद मंदिर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक गैर हिंदू के प्रवेश को भाजपा ने मुद्दा बनाने की कोशिश की, तो जदयू ने दिया करारा जवाब।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमलोग संविधान में पूर्ण आस्था रखने वाले हैं। हमारे नेता नीतीश कुमार के सुशासन का आधार भी सभी धर्म के प्रति आदर एवं सम्मान करना ही है। भारतीय संविधान में सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत पर आधारित धर्म-निरपेक्षता को विशेष महत्व प्रदान किया गया है। संविधान का अनुच्छेद 15 धार्मिक आधार पर भेदभाव को निषेध करता है। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, जिसमें किसी को भी किसी भी धर्म में आस्था रखने का अधिकार प्राप्त है। इसका तात्पर्य यह कभी नहीं है कि हम सिर्फ एक धर्म को मानें और दूसरे धर्म के प्रति आस्था नहीं रखें। वैसे भी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अंतःकरण की स्वतंत्रता है, अर्थात यदि किसी व्यक्ति को अपने धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के प्रति भी सम्मान है तो उन्हें धार्मिक स्थल पर आने-जाने से रोका नहीं जा सकता।

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक भाजपा द्वारा इन मामलों को तूल देने का प्रश्न है तो उनके पास ना कोई विकास का एजेंडा है और न ही वो बेरोजगारी एवं भूखमरी जैसे समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर हैं। भाजपा धार्मिक उन्माद उत्पन्न कर र्धुवीकरण की राजनीति करती है। भाजपा इस मुद्दे के द्वारा संप्रदायिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ना चाहती है। परन्तु उसके इस झांसे में बिहार या भारत की जनता अब आने वाली नहीं है। जनता इन्हें अच्छी तरह पहचान चुकी है और वो 2024 में इनके सेवा समाप्ति की घोषणा भी करने वाली है। क्योंकि भाजपा हिंदू धर्म की भी हितैषी नहीं है।

प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा जी ने आगे कहा कि हमारे भगवान श्री राम सृष्टि के कण-कण में विद्यमान हैं, परंतु भाजपा उनके इस विराट स्वरूप को भी सीमित करने पर आमादा है। उनका मत है कि भगवान राम सिर्फ अयोध्या में स्थित हैं। असल में इस तरह के विवाद को उत्पन्न कर वो हिंदू भावनाओं को भड़काना चाहते हैं परंतु उनकी दाल अब गलने वाली नहीं है। भारत की जनता उनकी धूर्त नीति को पहचान चुकी है एवं उनका चाल-चरित्र-चेहरा सबके सामने उजागर हो चुका है। यहाँ भाजपा की दाल गलने वाली नहीं है। इसी चरित्र के कारण भाजपा को बिहार की राजनीति से धकिया कर दरकिनार कर दिया गया है। बिहार में श्री नीतीश कुमार जी जैसे धर्मनिरपेक्ष छवि के व्यक्ति के नेतृत्व में सुशासन की सरकार है।

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