बंगाल की जीत पर लालू ने किया इशारा अब पूरे देश में खेला होगा

-कुमार अनिल

प. बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा चुनाव लड़ी। मोदी ने ममता को हराने के लिए क्या-क्या किया, वह इतिहास में दर्ज हो गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ममता बनर्जी को बधाई संदेश भेजा है। संदेश की पंक्तियों को गौर से पढ़े, तो प. बंगाल में खेला खत्म नहीं हुआ है, बल्कि प. बंगाल के साथ ही देश में नया खेला शुरू होगा।

लालू प्रसाद ने ममता बनर्जी को भेज संदेश में प. बंगाल की जनता को एक खास बात के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प. बंगाल की जनता भाजपा की विघटनकारी राजनीति में नहीं फंसी। बल्कि नकार दिया। यह बात भी पूरी तरह स्थापित है कि लालू प्रसाद भाजपा के सामने कभी झुके नहीं। वे भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ देश में सबसे मजबूत स्तंभ में एक हैं।

दीदी को अपमानित करने वाले मोदी के अहंकार को ममता ने रौंदा

तेजस्वी यादव के ट्विटर हैंडल पर जाएं, तो 2017 का एक ट्विट हमेशा पहले दिखाई देता है। चार साल पहले तेजस्वी लिखते हैं- अगर लालू जी भाजपा से हाथ मिला लेते, तो वे आज राजा हरिश्चंद्र होते। तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का डीएनए बदल जाता।

लालू प्रसाद को मालूम है कि प्रधानमंत्री हर मोर्चे पर विफल हैं। महामारी ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी। अब 2024 से पहले प्रधानमंत्री फिर से सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति करेंगे, जो देश, समाज के लिए घातक होगा।

आनेवाले दिनों में जैसे-जैसे संकट बढ़ेगा, प्रधानमंत्री और भाजपा देश को विभाजनकारी राजनीति में धकेलना चाहेगी। और इसके विरोध में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। लालू प्रसाद जानते हैं कि उनके और ममता के बीच यही वह कॉमन ग्राउंड है, जहां दोनों को साथ आना होगा।

ममता की जीत से बिहार और यूपी की राजनीति पर असर पड़ना तय है। ममता की जीत से इन प्रदेशों में विपक्ष का हौसला बढ़ा है। अब देखना है कि लालू, ममता, अखिलेश और राहुल गांधी आगे की राजनीति किस प्रकार करते हैं।

यूपीए किस प्रकार भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के लिए रणनीति तय करता है। लालू प्रसाद ने तमिलनाडु में डीएमके की जीत पर बधाई देते हुए सामाजिक न्याय के संघर्ष को आगे बढ़ाने की बात की है।

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