संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) ने आज इस वर्ष संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसम्बर, 2017 से 5 जनवरी, 2018 तक आयोजित करने की सिफारिश की है. यह अवधि सरकारी कामकाज की अत्यावश्यकता के अधीन होगी. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सीसीपीए की बैठक के बाद यह जानकारी दी. 

नौकरशाही डेस्‍क

अनंत कुमार ने बताया कि शीतकालीन सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी. यह 22 दिन तक चलेगा. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें संसद के आगामी सत्र के लिए विधायी कार्यसूची पर विचार किया गया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनंत कुमार ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जबकि विधानसभा चुनावों के चलते संसद के सत्र को उसी समय आयोजित नहीं किया गया हो. यह पद्धति अतीत में विभिन्न सरकारों द्वारा अनेक अवसरों पर अपनाई जाती रही है.

अनंत कुमार ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे महत्वपूर्ण विधेयकों पर उपयोगी और रचनात्मक बहस में सहयोग करें. संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलना सुनिश्चित करें. वहीं तीन तलाक और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि भारत की जनता की यह प्रबल इच्छा है कि इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद कानून बनाए. सरकार लोगों की इच्छा पूरी करने के प्रति वचनबद्ध है.

तीन विधेयक पेश किए जाएंगेः

  1. वस्तु एवं सेवा कर (राज्य़ों को मुआवजा) अध्यादेश, 2017 (02.09.2017 को जारी)
  2. ऋण शोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2017
  3. भारतीय वन (संशोधन) अध्यादेश, 2017

संसद शीतकालीन सत्र में पूरक अनुदान मांगों पर भी विचार करेगी.

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