ये हैं तालिबान के चार बड़े नेता, जानिए इनकी खासियत

तालिबान को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद के रुख में बदलाव के बाद लोग जानना चाहते हैं कि कौन हैं तालिबान प्रमुख नेता? जानिए चार नेताओं के बारे में।

सबसे आगे बरादर

तालिबान के प्रति संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद का रुख बदल गया है। भारत की अध्यक्षतावाले इस संगठन ने तालिबान का नाम आतंकी संगठनों की सूची से हटा दिया है। तालिबान सरकार बनाने की कोशिश में जुटा है। यह साफ नहीं है कि फिर से वहां राष्ट्रपति या अमीर चुने जाएंगे या सत्ता संचालन के लिए कोई इस्लामिक काउंसिल बनेगी। कई लोग काउंसिल बनने की ज्यादा उम्मीद कर रहे हैं। आइए, जानते हैं तालिबन के प्रमुख नेताओं को-

-हिबतुल्लाह अखुंडजादा : 60 वर्षीय हिबतुल्लाह तालिबान के हार्डलाइनर नेता माने जाते हैं। तालिबान के टॉप नेताओं में एक हैं। इन्हें बड़ा विधिवेत्ता (कानून के जानकार) तथा धार्मिक नेता माना जाता है। कांधार के निकट पुंजवाई जिले के रहनेवाले हैं। अफगानिस्तान के सबसे बड़े समुदाय पश्तुन से हैं। मुल्ला उमर के सबसे प्रमुख धार्मिक सलाहकारों में एक रहे। ये शेख-उल -हदीस रहे।

अब्दुल गनी बरादर : बरादर यानी बिरादर फारसी शब्द है। इसका अर्थ भाई होता है। यह नाम मुल्ला उमर ने ही दिया था। बरादर तालिबान के संस्थापकों में एक हैं। जब 1990 में तालिबान के हाथों सत्ता आई, तब कई उच्च पदों पर रहे। अमेरिका के आने के बाद उसके खिलाफ कई अभियानों का नेतृत्व किया। बरादर तालिबान के प्रमुख राजनीतिज्ञ माने जाते हैं। 2010 में कराची में गिरफ्तार हुए। आठ साल पाकिस्तानी जेल में रहे। माना जाता है कि अमेरिका के कहने पर ही इन्हें जेसल से छोड़ा गया। वहां से छूटते ही अमेरिका को अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस करने के लिए तैयार किया। चीन-पाकिस्तान सहति अनेक देशों से राजनयिक संबंध बनाए। इन्हें राजदूत भी कह सकते हैं।

-सिराजुद्दीन हक्कानी : ये हक्कानी नेटवर्क का नेतृत्व करते हैं। अमेरिका इसे आतंकवादी मानता है।

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– मो. याकूब : तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे हैं। ये 2020 के बाद से अमेरिका विरोधी हथियारबंद कार्रवाई का नेतृत्व करते रहे हैं।

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