भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने सारण में हुये सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर बिहार सरकार के सुशासन पर सवाल खड़े करते हुये कहा कि बिहार महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और सामूहिक बलात्कार का प्रदेश बनता जा रहा है तथा इस तरह की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है।


भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने यहां कहा कि आज बिहार महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और सामूहिक बलात्कार का प्रदेश बनता जा रहा है। इस तरह की घटनाओं में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आ रही है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर बिहार की तथाकथित सुशासन की सरकार कर क्या रही है।

श्री कुणाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) की सरकार में महिलायें सुरक्षित रह ही नहीं सकती है। भाजपा के महिला विरोधी चरित्र के कारण ही इस तरह की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है और बलात्कारियों का मनोबल सिर चढ़कर बोल रहा है।
सचिव ने कहा कि इस संबंध में सबसे ताजा मामला सारण का है, जहां एक स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि इस तरह की घटनाएं कब रुकेंगी। उन्होंने कहा कि इस वीभत्स घटना के खिलाफ सारण में भाकपा-माले की ओर से प्रतिवाद किया जाएगा।

श्री कुणाल ने बताया कि सारण सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मिलने और पूरे मामले की जांच करने आज दोपहर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा) और अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) की एक टीम पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) पहुंची। इस टीम में ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे और प्रीति प्रभा तथा आइसा की राज्यस्तरीय नेता पूनम शामिल थीं। जांच टीम ने पाया कि सारण जिले का नगर थाना मेडिकल जांच में जानबूझकर देरी कर रहा है।
महिला नेताओं के हस्तक्षेप के बाद ही सीमेन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा सका। तीन बलात्कारियों में दो की गिरफ्तारी तो हुई है लेकिन मुख्य अभियुक्त इंडियन-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) का एक जवान ध्यानी शर्मा की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। वह अभी छुट्टी पर घर आया हुआ है। जांच टीम ने ध्यानी शर्मा की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की।

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