CBI चीफ आलोक कुमार वर्मा इन दिनों राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं. वजह जाहिर है कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के साथ आरोप-प्रत्यारोप. इस मामले आज भले ही केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया हो, मगर मामला अभी शांत होता नहीं दिख रहा है. इसी बीच हम आपको बताते चलें कि सीबीआई चीफ आलोक कुमार वर्मा अपने अब तक के करियर में 24 बार तबादले के शिकार हो चुके हैं. आलोक मूलतः बिहार के  तिरहुत प्रमंडल के शिवहर जिला से आते हैं. 

नौकरशाही डेस्क

वर्ष 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और यूनियन टेरेटरी कैडर के आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार वर्मा का कॅरियर विवादों भरा रहा है. 1979 बैच के आलोक कुमार वर्मा का जन्म 14 जुलाई, 1957 को हुआ. आलोक वर्मा 22 वर्ष की उम्र में ही आईपीएस चुने गये थे. वह अपने बैच के सबसे कम उम्र के अभ्यर्थी थे. हालांकि, उनकी शिक्षा दिल्ली में हुई है. उन्होंने सेंट जेवियर स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.

आलोक वर्मा सीबीआई चीफ बनने से पहले दिल्ली में पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे. मालूम हो कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीन सदस्यीय पैनल ने आलोक वर्मा के नाम को सीबीआई चीफ के तौर पर मंजूरी दी थी. इस पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे. अब प्रधानमंत्री द्वारा आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

आलोक वर्मा भागलपुर सृजन घोटाला मामले में भी बिहार आ चुके हैं. निर्भया कांड के बाद ‘इंडियाज डॉटर’ डाक्यूमेंट्री के लिए बीबीसी ने तिहाड़ जेल में बंद निर्भया कांड के आरोपित का इंटरव्यू लिया था, जिसके बाद वे विवादों में आ गए थे.

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