इजरायल द्वारा गाजा में बर्बर जनसंहार के खिलाफ पटना में प्रतिवाद। वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने पटना विवि में किया विरोध। भारत शांति के लिए हस्तक्षेप करे।
वामपंथी छात्र संगठन आइसा ने इजरायल द्वारा गाजा में बच्चों, महिलाओं और बेगूनाहों के जनसंहार के खिलाफ पटना में प्रतिवाद किया है। संगठन ने कहा कि इजरायल ने मानवता को शर्मसार किया है। भारत इजरायल का समर्थन करने के बजाय शांति के लिए हस्तक्षेप करे।
पटना कॉलेज में आइसा ने फिलिस्तीन में इजरायल के कब्जे एवं बर्बरतापूर्ण हमले के खिलाफ प्रतिरोध सभा का आयोजन किया एवं मार्च निकाला. प्रतिरोध सभा पटना कॉलेज में किया गया एवं कॉलेज के मुख्य द्वार तक मार्च निकाला गया.
आइसा राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम ने कहा कि आइसा फिलिस्तीन के नागरिकों के साथ खड़ा है एवं उसकी आज़ादी का समर्थन करता है. इजरायल गाज़ापट्टी में बम बरसा रहा है. लोगों को मार रहा है. इजरायल फिलिस्तीन को खत्म कर देना चाह रहा है.भारत सरकार को शांति का हस्तक्षेप करना चाहिए लेकिन उल्टा मोदी जी इजरायल का समर्थन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मणिपुर पर एक शब्द नहीं बोलते है लेकिन इजरायल के समर्थन में तुरंत ट्वीट करते हैं. यह मानवता के उपर संकट है. भारत गांधी और बुद्ध की धरती है यह हमेशा पीड़ितों के पक्ष में खड़ा रहता है लेकिन आज जुल्मियों के साथ देश को खड़ा किया जा रहा है. न गाजा में पानी है, न बिजली है और न दवाई है। इस तरह की नाकेबंदी का मतलब है- एक बहुत बड़ा जनसंहार जो होलोकास्ट यहूदियों और अन्य लोगों को हिटलर के समय झेलना पड़ा था। आज वहीं हाल फिलिस्तीन का है।
सभा में आइसा विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष चंदन यादव, आशीष साह, अनिमेष चंदन, सूफियान, कैफ़ी, आकाश राव, लकी, शाश्वत, आयुष सहित दर्ज़नों छात्र मौजूद थें.