सुप्रीम कोर्ट ने आज सामान काम के लिए समान वेतन मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि जब चपरासी का वेतन 36 हजार है फिर नियोजित शिक्षकों का 26 हजार क्यों ? कोर्ट ने आज बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार की अध्यक्षता में बनी कमिटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है. गौरतलब है कि यह बिहार के 3.55 लाख नियोजित शिक्षकों का मामला है.
नौकरशाही डेस्क
कोर्ट ने राज्य सरकार के द्वारा 20-30 फीसदी वेतन वृद्धि के प्रस्ताव पर कहा कि जो शिक्षक छात्रों का भविष्य निर्धारित करते हैं, उनका वेतन चपरासी के वेतन से कम क्यों है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 27 मार्च को रखी है. राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को वेतन वृद्धि से जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी दी थी.