जएएनयू के प्रोफेसर और छात्र नेता कन्हैया के गाइड रह चुके सुबोध मालाकार ने कहा है कि धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक आतंकवाद थोपने के बाद नोटबंदी करके मोदी सरकार ने आर्थिक आतंकवाद से जूझने पर लोगों को मजबूर कर दिया है.
![परिचर्चा में सुबोध मालाकार](https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2016/12/Subodh.malakar-501x278.jpg)
नौकरशाही ब्यूरो
रविवार को पटना के जनशक्ति भवन में आयोजित परिचर्चा में मालाकार ने कहा कि फासीवादी नेतृत्व का यह लक्षण है कि वह आंसू बहा कर जनता को दिग्भ्रमित करता है. मालाकार ने यहां तक कहा कि हिटलर भी राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों की भावनाओं को प्रभावित करने के लिए रोया करता था.
समन्वय द्वारा आयोजित इस परिचर्चा में मालाकार ने कहा कि नवउदारवादी शक्तियां आम लोगों का दोहन करके कार्पोरेट के खजाने भरती हैं क्योंकि ऐसी शक्तियां कार्पोरेट के रहम पर ही सत्ता में आती हैं. मालाकार ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक आतंकवाद थोपने का आखिरी हथियार चला दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश के 12 करोड़ बेरोजगार युवाओं की भावनाओं को यह कह कर प्रभावित करके वोट लिया था कि उनकी सरकार प्रत्येक वर्ष दो करोरड़ युवाओं को रोजगार देगी. लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने इस काम को इसलिए नहीं किया क्योंकि वे पूंजीवादियों की मदद से सत्ता में आये थे और पूंजीवाद का पहला सिद्धांत यह है कि देश में बेरोजगारी बनाये रखो.
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उन्होंने कहा कि पूंजीवाद बेरोजगारी के सीने पर खड़ीं इमारत है क्योंकि बेरोजगारी से उन्हें मनचाहे और सस्ते श्रम मिलते हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पूंजवादियों के दबाव में रोजगार नहीं दे पा रहे हैं इसलिए उन्होंने देश में नोटबंदी के सहारे आर्थिक आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि जिस देश की जनता अपने ही पैसे बैंक से नहीं ले सकती और दर दर रभटकती है वह आर्थिक आतंकवाद नहीं तो और क्या है.
मालाकार ने कहा कि आरएसएस समर्थिक सरकार ने कभी दलितों को निशाने पर लिया तो कभी मुसलमानों और दीगर अल्पसंख्यकों पर जुल्म के पहाड़ा ढाह कर देशभक्ति का भाव जगाया. उन्होंने कहा कि आरएसएश की साजिश को तो मुसलमान पहले समझते रहे हैं इसलिए वे सतर्क थे लेकिन दलितों को यह बात तब समझ में आयी जब हैदराबाद की युनिवर्सिटी में रोहित बेमुला जैसे छात्रों ने दलित विरोधी दमन का सामना किया.
मालाकार ने फासीवादी शक्तियों को परास्त करने के लिए सभी शोषित समुहों को एकजुट होने और इसके खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया.
परिचर्चा का संचालन जय प्रकाश ने किया जबकि इस अवसर पर सुशील कुमार ने यहां मौजूद लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया.