‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट से भारतीय जनता पार्टी बेनकाब हो गयी है. पढिए क्या है यह मामला ?
दर असल कश्मीर के चरमपंथी संगठन हुर्रियोत कॉंफ्रेंस के नेता अली शाह गिलानी ने एक बयान दिया था कि भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मसले पर बातचीत के लिए 2 दूत उनके पास भेजा था.
इस खबर के फ्लैश होते ही भारतीय जनता पार्टी आगबबूला हो गयी थी और उसके नेताओं ने यहां तक बयान दे डाला था कि अली शाह गिलानी झूठ बोल रहे हैं. भाजपा का कहना था कि गिलानी उन दो दूतों के नाम बतायें और अगर वह नाम नहीं बताते हैं तो उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
हालांकि भाजपा के इस बयान पर गिलानी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी लेकिन द हिंदू अखबार ने उन दो दूतों की पहचान जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी के झूठ को बेनकाब करने का दावा कर दिया.
अखबार का कहना है कि गिलानी का वह दावा सही है कि एनडीए गठबंधन के एक दूत ने उनसे मुलाकात की थी. सूत्रों ने इन दो दूतों में से एक की पहचान संजय सराफ के तौर पर की है. हालांकि, सराफ ने राजनीतिक मकसद से गिलानी की मिलने की बात से साफ इनकार किया है. उनका कहना है कि अखबार की रिपोर्ट पूरी तरह गलत है और हम इसके खिलाफ कोर्ट का रास्ता अख्तियार करेंगे.
अखबार ने जम्मू-कश्मीर के उच्च इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से इस बात की खबर दी है. रिपोर्ट में कहा गया कि सराफ जम्मू-कश्मीर में लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े हुए हैं और पार्टी के राष्ट्रीय युवा मोर्चे का नेतृत्व करते हैं. वह एक कश्मीरी पंडित हैं. दूसरे दूत की पहचान एमएल मट्टू के तौर पर हुई है और वह भी कश्मीरी पंडितों के राजनीतिक मामलों को लेकर सक्रिय हैं. मट्टू श्रीनगर के एक इलाके के विधायक रह चुके हैं.