बड़ी खबर- विपक्ष और मीडिया के दबाव में औंधे मुंह गिरी मोदी सरकार, आलोक बने रहेंगे CBI निदेशक
यह खबर तब आई है जब CBI के प्रवक्ता ने पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनसे आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के पद के बारे में पूछा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि मीडिया में निहित स्वार्थ से भ्रामक खबर चलाई गयी.
आलोक वर्मा CBI के निदेशक बने रहेंगे जबकि राकेश अस्थाना स्पेशल डायेरेक्टर के पद पर बने रहेंगे. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार प्रवक्ता ने कहा कि जब तक सीवीसी के अधीन एक दूसरे के आरोपों की जांच चलेगी तब तक नागेश्वर राव अंतिरम रूप से निदेशक की जिम्मेदारी निभायेंगे.
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मालूम हो कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना की आपसी लड़ाई को कारण बताते हुए केंद्र सरकार ने आलोक को सीबीआई निदेशक पद से जबरन छुट्टी पर भेज दिया था जबकि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को भी उनकी जिम्मेदारियों से दूर कर दिया गया था।
आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी दिये जाने के बाद उन्होंने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
मालूम हो कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रधान मंत्री अकेले नहीं कर सकता। इसके लिए प्रधान मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा में विपक्ष के नेता की कमेटी होती है.यह कमेटी ही निदेशक चुनती है. निदेशक का न्यूनतम कार्यकाल दो साल का होता है. उससे पहले उसे हटाया नहीं जा सकता. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर निदेशक भ्रष्ट आचरण का हो तबभी उसे नहीं हटाया जा सकता. हां, उसके भ्रष्टाचार की जांच अलग से कराई जा सकती है।
समझा जाता है कि सीबीआई के प्रवक्ता को केंद्र सरकार ने सामने ला कर यह बात कहलवाई है कि वर्मा अपने पद पर बने रहेंगे। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में जाते ही केंद्र सरकार की फजीहत होनी तय थी।