14 जनवरी को बिहार सरकार ने फर्मलिन पाये जाने की खबर के बाद आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दी थी, जिसे अब हटा लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इस मामले की जानकारी दी और कहा कि सभी तरह की मछलियों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है। सरकार के इस कदम का जदयू ने स्वागत किया है।
नौकरशाही डेस्क
शिकायत मिलने के बाद लगा था प्रतिबंध
जदयू के वरिष्ठ नेता व खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मछलियों में ऐसे तत्व पाये जाने मामला आया था, जो सेहत के लिए हानिकारक है। शिकायत मिलने के बाद इसकी जाँच के लिए सरकार 15 दिनों के लिए इसपर प्रतिबंध लगायी थी। स्वास्थ्य व पशु एवं मत्स्य विभाग के सचिव एवं अन्य अधिकारियों को इसकी जाँच के लिए सरकार आंध्र प्रदेश भेजा गया था।
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विपक्ष करे अपना स्टैंड क्लियर
सहनी ने कहा कि मछली पर प्रतिबंध के बाद विपक्ष के द्वारा सरकार पर आरोप लगाया जा रहा था कि सरकार गरीब विरोधी है। मछुआरों का रोजगार छिन रही है। आज जब पूर्व निर्धारित समय 15 दिन पूरे होने पर प्रतिबंध हटा गया है, तो सेहत का हवाला देकर विरोध कर रहे हैं। विपक्ष पहले अपना स्टैंड क्लियर करे। सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध करना ही विपक्ष का काम रह गया है।
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सरकार को मछुआरों का है पूरा ख्याल
सरकार को बिहार के लोगों की सेहत और मछुआरों का पूरा ख्याल है। उन्होंने कहा कि मछली पर लगे प्रतिबंध हटाये जाने का हम स्वागत करते हैं। मछुआरा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष विजय सहनी, जद(यू.) अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण सहनी, महासचिव दीपक निषाद, प्रवक्ता अरविंद निषाद, शिवशंकर सहनी, रंजीत सहनी, देवेंद्र सहनी, लवकिशोर सहनी, विजय सिंह निषाद सहित ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया।