जैनुल अंसारी के हत्यारे कौन हैं यहां देखें. फोटो तौफीक सिद्दीकी( फेसबुक)

बिहार में मॉब लिंचिंग: नौकरशाही मीडिया के बाद अन्य मीडिया ने खबर दिखाई पर नहीं टूटी सरकार की चुप्पी

जैनुल अंसारी के हत्यारे कौन हैं यहां देखें. फोटो तौफीक सिद्दीकी( फेसबुक)

[author image=”https://naukarshahi.com/wp-content/uploads/2016/06/irshadul.haque_.jpg” ]इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम[/author]

80 साल के बुजुर्ग को भीड़ जबह करे और जला के मार डाले तो इस खबर से देश दहल उठ सकता था. लेकिन बिहार के मीडिया ने इसे दबा दिया लेकिन नौकरशाही मीडिया के प्रयास के बाद अब राष्ट्रीय मीडिया की नजर इस घटना पर पड़ी तो है लेकिन सीएम नीतीश की चुप्पी टूटना अब भी बाकी है.

यह घटना 20 अक्टूबर की है. जब शहर के गोशाला चौक पर मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे उन्मादी भीड़ ने बुजुर्ग जैनुल अंसारी को पकड़ कर पीटा, तलवार से हमला किया और फिर आग में झोंक दिया. इस भयावह घटना की खबर बिहार के मीडिया से गायब रहीं.

[button color=”red” size=”small” link=”http://” ]

[/button]

 

लेकिन जब चार दिनों बाद नौकरशाही मीडिया को इस खबर की जानकारी मिली तो हमने पूरे विस्तार से इस खबर को अपने यूट्यूब चैनल पर दिखाया. आप यहां क्लिक करके उस खबर का विडियो देख सकते हैं. हमने इस पर लगातार तीन एपिसोड किया जिसे आप यहां क्लिक  करके देख सकते हैं.

इस खबर को बिहार के अखबारों और न्यूज चैनलों ने कम्पलीटली गायब कर दिया कोशिश न्यूज ने इस घटनातमक रूप से पेश कर अपनी जिम्मेदारी का अंत कर लिया. लेकिन इस खबर को नौकरशाही मीडिया ने लगातार तीन एपिसोड में उठाया और कोशिश की बिहार सरकार के जिम्मेदार इस पर कुछ बोलें पर वे लगातार चुप रहे.

नीतीश कुमार अब भी चुप हैं. लेकिन हमें संतोष है कि हमारी कोशिशों के बाद भले ही बिहार के मीडिया ने संदिग्ध चुप्पी बनाये रखी लेकिन जब हमने  इस पर लगातार खबर चलाई तो द वॉयर और क्युंट जैसी वेबसाइट ने पहल दिखाई और फिर बीबीसी हिंदी  लिंक पर क्लिक करें .इस पर विस्तृत कवरेज दी. इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार संतोष सिंह ने इस खबर को छापा इसे आप  यहां क्लिक करके पढ़ें

उर्दू मीडिया भी बना गूंगा

आज ही इस खबर को खबरएनडीटीवी  ने भी अपनी वेबसाइट और टीवी पर चलाई है. आप इस खबर को भी यहां क्लिक कर देख सकते हैं. इसे जघन्य क्राइम पर जहां एक तरफ बिहार का हिंदी मीडिया संदिग्ध चुप्पी साधे रहा तो उर्दू मीडिया ने भी इसे इग्नोर किया. हालांकि उर्दू अखबारों ने बाद में इस पर कुछ लोगों के बयान और इमारत शरिया की जांच रिपोर्ट की डिटेल जरूरी छापी

सबसे बड़ा सवाल

हमारा सिर्फ एक सवाल है जिसे हमने अपी खबर के दौरान अनेक नेताओं से पूछा. और आज फिर सीधा नीतीश कुमार से पूछ रहे हैं. वह कहते हैं कि क्राइम, क्रप्शन और कम्युनलिज्म पर वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकते. लेकिन जिस तरह से सीतामढ़ी में दरिंदों ने भरी दोपहरी में जैनुल अंसारी को जबह करके जला डाला उस पर नीतीश प्रशासन ने क्या किया. हमने इस दौरान सीतामढ़ी के एसपी विकास वर्मन से बात की. पूछा कि किस पर नामित एफआईआर किया तो वह भी चुप हो गये. जबकि हत्यारों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वॉयरल हो चुकी है.

  यह भी पढ़ें- नीतीशजी यह कैसा राज है ? छह जिलों में दंगाइयों ने तांडव मचाया, प्रशासन नाकारा बना रहा!

इतना ही नहीं इंडियन एक्सप्रेस ने जो खबर लिखी उसमें साफ उल्लेख है कि जैनुल अंसारी हत्या मामले में न तो गिरफ्तारी हुई और न ही किसी पर एफआई आर हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा जाना चाहिए कि क्या यही उनकी क्रप्शन, कम्युनलिज्म और क्राइम से समझौता नहीं करने वाली सरकार है?

एसपी विकास वर्मन की भूमिका

इस पूरे तांडव में सीतामढ़ी के एसपी विकास वर्मन की भूमिका खतरनाक है. उन्होंने नौकरशाही डॉट कॉम से बात की लेकिन सवालों पर चुप्पी साध ली. मुस्लिम बेदारी कारवां ने इस पूरे मामले में जांच रिपोर्ट जारी की है और उसने भी विकास वर्मन की करतूत को उजागर किया है. विकास वर्मन ने अनेक आरोपों पर या तो केस दर्ज नहीं होने दिया या अगर केस दर्ज हुआ भी तो उस पर कमजोर धारायें लगवाईं.

 

यह भी पढ़ें  नवदा दंगा- पुलिस गुंडागर्दी की पराकाष्ठा

विकास वर्मन वही एसपी हैं जो इससे पहले नवादा के एसपी रह चुके हैं. 2017 में नवादा में दंगा हुआ तो उसके बाद उन्होंने पुलिस के जवानों को अल्पसंख्यकों के मुहल्ले में भेजा था और दर्जनों घरों के दरवाजे तोड़ कर औरतों, बच्चों और यहां तक कि महिलाओं और बूढ़ों को भी लाठी और राइफल के कुंदों से मार-मार कर उन्हें घायल कर दिया था.

अब सवाल यह है कि नीतीश सरकार ऐसे ही अधिकारियों से सुशासन स्थापित करती है?  क्या बिहार में जुल्म का इसी तरह राज रहेगा या इसे कोई कंट्रोल भी करेगा?

नोट- हम यहां जैनुल अंसारी को जलाये जाने, हत्या करने और पीटने वाली तस्वीरें इस लिए नहीं दे रहे हैं कि वह नजारा काफी वीभत्स है. इन तस्वीरों में उत्पातियों के चेहरे भी साफ दिख रहे हैं.

 

 

 

 

 

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427