सुशील मोदी ने सवाल उठाया है कि मंहगी सेवा लेने का बिहार को क्या लाभ मिला
पटना.
कभी राजनैतिक रणनीति बनाने में सफलता का दूसरा नाम कहे जाने वाले प्रशांत किशोर अब बिहार में विपक्ष के निशाने पर हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार में सलाहकार बने रहने पर गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 2015 में विधान सभा चुनाव जिताने के बदले नीतीश कुमार ने जिस गैर राजनीतिक व्यक्ति प्रशांत किशोर को जनता के पैसे से मंत्री का दर्जा देकर मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया था, उसकी हकीकत यूपी के चुनाव परिणाम ने जाहिर कर दी. क्या सरकार बतायेगी कि उनकी महंगी सेवाएं लेने से बिहार की गरीब जनता को क्या फायदा हुआ? मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि हाल के विधान सभा चुनावों में भाजपा का सफाया होने की डींग हांकने वाले लालू प्रसाद की भविष्यवाणी ऐसी उलटी पड़ी कि उनकी होली सूखी हो गई. चुनावी होलिका की आग ने कई लोगों के अहंकार भस्म कर दिये.
राज्य सरकार अंशदान दे और केंद्र से लाभ ले
सुशिल मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के तीन सरकारी मेडिकल कालेजों में कुल 21 सुपर स्पेशिलिटी विभाग खोलने के लिए 60 फीसदी अंशदान ( 120 करोड़ रुपये) करने का फैसला किया है. शेष 40 फीसद अंशदान (80 करोड़) कर यदि राज्य सरकार तत्परता से काम करे, तो लाखों गरीबों को कठिन रोगों की चिकित्सा के लिए निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा. पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में भाजपा की शानदार सफलता ने अर्थव्यवस्था को ऐसी तेजी का भरोसा दिलाया कि सेंसेक्स दो साल के उच्चतम स्तर (29442) पर पहुंच गया और रुपया 78 पैसे मजबूत हुआ. ऐसी अर्थव्यवस्था ही लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित कर सकती है.