#Biharmuslim बुधवार को फेसबुक पर अचानक तब ट्रेंड करने लगा जब मीडिया में खबर आयी कि विश्व के सबसे बड़े निर्माणाधीन मंदिर के लिए मुसलमानों ने जमीन दान में दी.
यह खबर आईएएनएस न्यूज एजेंसी के बिहार ब्युरो चीफ इमरान खान ने लिखी है. खबर में महाबीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव कुणाल किशोर के हवाले से बताया गया है कि मुस्लिम भाइयों के सहयोग के बिना यह ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा नहीं पाता.
पूर्व आईपीएस अफसर और इस मंदिर के निर्माण में अग्रणि भूमिका निभाने वाले कुणाल ने कहा कि लोकल मुसलमानों ने इस मामले में काफी दिलचस्पी दिखाई और वे चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जाये.
तीन दर्जन मुसलमानों ने दी जमीन
5 सौ करोड़ की लागत से इस मंदिर का निर्माण पूर्वी चम्पारण के केसरिया में जानकीनगर में अगले महीने यानी जून में शुरू होगा.
कुणाल ने कहा कि आम तौर पर मंदिर निर्माण में हिंदू ही जमीन दान करते हैं लेकिन ऐसा विरले ही होता है कि मुसलमान भी इस काम में मदद करें. लेकिन उन्होंने जमीन दे कर इस महान काम को आगे बढ़ाया है.
कुणाल ने बताया कि जहां मंदिर का निर्माण होना है वहां तीन दर्जन से ज्यादा मुसलमानों की निजी जमीन है. उन्होंने कहा कि कुछ मुसलमानों ने जमीन दान में दे दी जबकि कुछ मुसलमानों ने हमारी मदद की जिससे हमने जमीन खरीदी. उन्होंने कहा कि अगर उनका सहयोग नहीं मिलता तो इस प्रोजेक्ट में काफी देर हो जाती.
गौर तलब है कि इससे पहले गया में भी मुसलमानों ने दुर्गा मंदिर बनाने के लिए जमीन दी थी. एक अन्य मंदिर का निर्माण बेगुसराय में कराया गया ता वहां भी मुसलमानों ने जमीन दान में दी.
कुणाल ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन ली गयी है जिसमें 50 एकड़ जमीन हिंदू और मुसलमानों ने मिल कर दान में दी. बाकी जमीन ट्रस्ट ने खरीदी है
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