एसएसपी जीतेंद्र राणा ने जाते जाते जिस सियासी तूफान में पलीता लगाया था वह 24 घंटे के अंदर बवंडर में तबदील हो गया नतीजनत विधायक अनंत सिंह को पूलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
इससे पहले जीतेंद्र राणा को सरकार ने पटन से हटा कर मोतिहारी शिफ्ट कर दिया था लेकिन राणा ने जाते जाते कह दिया था कि पुटुस यादव के अपहरण और हत्या मे अनंत सिंह का हाथ है. खबर है कि अनंत सिंह के ठिकाने से एक एके47 और एके 56 भी बरामद हुआ है.
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पटना छोड़ते ही राणा का तूफान, हत्या में आया अनंत सिंह का नाम
जदयू विधायक की गिरफ्तारी के लिए 100 से ज्यादा पुलिस वालों की टीम चार घंटे तक सर्च आपरेशन में लगी रही . इस बीच लालू प्रसाद यादव ने कह बाढ़ में विनय उर्फ पुटुस यादव की हत्या में विधायक अनंंत सिंह की साजिश बताई है और कहा कि अनंंत का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. एके-47 के बल पर घर में घुसकर पुटुस को उठाया गया।
लालू ने भी सरकार से तुरंत अनंत को गिरफ्तार करने की मांग की थी.मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए लालू ने कहा कि वह राज्य में कानून का राज कायम करें. हालांकि एसएसपी जीतेंद्र सिंह राणा के ट्रांसफर को लालू ने सरकार का सिस्टम बताया और कहा कि आईजी कुंदन कृष्णन की सक्रियता के चलते अपराधी गिरफ्तार हो सके हैं.
लालू भी कूदे अनंत के खिलाफ
पटना पुलिस ने जेडीयू के विधायक अनंत सिंह के घर से इंसास राइफल की मैगजीन बरामद की. साथ ही स्विमिंग पुल की जांच के लिए डाइवर्स को बुलाया. ये स्विमिंग पुल अनंत सिंह के घर में स्थित हैं.
इसके अलावा पुलिस ने मर्डर केस में आरोपी की पहचान के लिए अनंत सिंह के पांच सहयोगियों को उठाया है. जीतेंद्र राणा की जगह नय एसएसपी बनाये गये विकास वैभव ने कह कि अनंत सिंह मामले पर कहा कि जेडीयू विधायक के आवास और गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. पुलिस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच कर रही है.
अनंत सिंह की गिफ्तारी से जहां एक तरफ नीतीश सरकार आलोचनाओं से बच गयी है वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इस मामले पर सरकार को घेरने की रणनीति बना ली थी. लेकिन इस गिरफ्तराी ने उसके आक्रमण की धार को भी कुंद कर दिया है.
क्या था मामला
गौरतलब हो कि 17 जून को पुटूस यादव नामक युवक को कुछ लोगों ने अपहृत कर लिया था. उसके बाद उसकी हत्या कर दी गयी. इस मामले में निवर्तमान एसएसपी जीतेंद्र राणा ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था जिनने पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि विधायक अनंत सिंह ने हत्या करने के लिए उन्हें कहा था. हालांकि अनंत सिंह ने आज सुबह प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है.
यह मामला इसलिए भी तूल पकड़ लिया क्यों कि अनंत सिंह का नाम उजागर होते ही जीतेंद्र राणा का ट्रांस्फर कर दिया गया. हालांकि लालू ने कहा है कि यह ट्रांस्फर सरकारी सिस्टम का हिस्सा था.