भले ही तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने को शहाबुद्दीन समर्थकों ने कुछ नेताओं की साजिश का नतीजा बताया था पर सच्चाई यह है कि तिहाड़ में रहते हुए शहाबुद्दीन को संगीन जुर्म के आरोपों से राहत पर राहत मिलती जा रही है.
पटना हाईकोर्ट ने एसपी सिंघल परजान लेवा हमला करने के जुर्म में दस साल की सजा को रद कर दिया है. इससे पहले अप्रैल में अदालत ने जमशेदपुर में एक कांग्रेस नेता की हत्या के 28 साल पुराने मामले में बरी करके शाहाबुद्दीन को बड़ी राहत दी थी.
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मंगलवार को मो.शहाबुद्दीन को इस मामले में लोअर कोर्ट से मिली 10 साल की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. शहाबुद्दीन पर सीवान के तत्कालीन एसपी सिंघल पर जानलेवा हमला कराने का आरोप लगा था. आरोप लगने के बाद कोर्ट ने शहाबुद्दीन के दोनों बॉडीगार्ड को भी दस साल की सजा सुनाई थी जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
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तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर और राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शहाबुद्दीन को ये राहत सीवान के पूर्व एसपी सिंघल पर हुए हमले के मामले में मिली है.
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कोर्ट ने 10 साल की सजा को रद्द कर दिया है लेकिन आर्म्स एक्ट में मिली सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के दो केस में 10 साल और 5 साल की सजा दी थी. शहाबुद्दीन फिलहाल विभिन्न मामलों में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. उन्हें इसी साल फरवरी में सीवान जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था. शाहबुद्दीन पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि वह सीवान जेल में रहते हुए उनके विरुद्ध सुनवाई हो रहे केसों को प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था.
तिहाड़ जेल में वह पिछले छह महीने से बंद हैं. इस अवधि में उन्हें दो बड़ी राहत मिली है. पिछले अप्रैल में उन्हें 28 साल पुराने हत्या मामले में बरी कर दिया गया था.