सर पे साड़ीनुमा गमछी रखे ये शिवदीप लांडे हैं. जिन्होंने भेस बदल कर एक ऐसे पुलिसवाले को अपनी जकड़न में लिया जो दस हजार रुपये की रिश्वत लेने चला था. पढ़िये फिर क्या और कैसे हुआ
यह पुलिसवाला बिहार का नहीं है. यह उत्तर प्रदेश से एक क्राइम की जांच के बहाने आया और एक दुकानदार से दस हजार रिश्वत की मांग की . लेकिन दुनकानदारों ने यह खबर लांडे को दे दी.
एक गोरो चट्टा और लंबा कद का इंसान जिसे आम तौर पर पटना का हर आदमी पहचानता है. रंगीन साड़ी और लाल टीशर्ट पहने जब इस सबइंस्पेक्टर को दबोचा तो पटना के डाकबंगला चौराहे पर तमाशाइयों की भीड़ खड़ी हो गयी.
भेस बदल कर की गयी इस अभियान की कहानी भी दिलचस्प है.
उस समय कुछ टीवी पत्रकारों को पुलिस वालों ने सूचित भी कर दिया था. जिसकी शूटिंग आजतक ने भी की .
उत्तर प्रदेश पुलिस का इंस्पेक्टर सर्व चंद्र पटना के कारोबारी को धमकी दे रहा था. कारोबारी ने एसपी को बताया और फिर सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया.
सर्वचंद्र दो दिनों से पटना में रुका है. वह एक कारोबारी को जांच के सिलसिले में तंग कर रहा ता और पैसे ऐंठ रहा ता. इस बीच कारोबारी ने पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे को सूचना दे दी. लांडे साड़ीनुमा गमछी ओढ़े वहां पहुंच गये.
भेस बदल के पहुंचे एसएसपी इंस्पेक्टर ने उठाया थप्पड़, हुए सस्पेंड
सुबह 6 बजे डाकबंगला चौराहे पर पंकज और दीपक ने कॉल करके एक वर्दी वाले शख्स को बुलाया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया. हालात ये कि पटना पुलिस की जिप्सी पर तैनात पुलिस वाले भी अपने सिटी एसपी को नहीं पहचान पाए.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार पंकज और दीपक नाम के दो युवकों ने उस इंस्पेक्टर को कॉल करके बुलाया था. लगभग 7 बजे वहां एक वर्दी वाला शख्स जैकेट पहने आया. इंस्पेक्टर ने उन युवकों को इशारा किया और फिर चाय पीने चला गया. पीछे से युवक भी गया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया.
दरअसल पंकज और उसका भाई दीपक पटना के बुद्ध मार्ग में अपनी एक स्टेशनरी की दुकान चलाते थे. 2012 में उनकी दुकान से एक सिम कार्ड बेचा गया था. इस सिम से यूपी के मुरादाबाद में कोई क्राइम हुआ था, जिसकी जांच करने 2012 में मुरादाबाद पुलिस की टीम पटना आई थी, पंकज और दीपक से पूछताछ हुई थी. दोनों निर्दोष थे और दोनों को छोड़ दिया गया था.
सवालों के घेरे में शिवदीप
शिवदीप लांडे इसके पहले पटना की सड़कों पर बुलेट प्रूफ जैकेट पहन कर जरायमपेशों को दौड़ा के दबोचते हुए देखे गये. इस घटना के बाद सवाल खड़ा होता है कि आखिर शिवदीप का हर अभियान टीवी कैमरे में कैसे आजाता है.
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2013 में भी यूपी पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की थी, लेकिन इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद फिर 2 जनवरी 15 को मुरादाबाद क्राइम ब्रांच की टीम इंस्पेक्टर सर्व चंद्र के नेतृत्व में पटना आई, दोनों भाइयो से पूछताछ की, लेकिन इंस्पेक्टर सर्वचंद्र ने कहा की मामले को रफा-दफा करना है तो 10 हजार रुपये दो, नहीं तो टांग कर यूपी ले जाएंगे. दोनो भाइयों ने पूरी बात पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे को बताई. उसके बाद आगे का प्लान तय हुआ.
यूपी पुलिस का इंस्पेक्टर सर्वचंद्र जब पैसा लेने आया लेकिन तभी गमछे से मुंह ढके पहले से खड़े सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने उसे दबोच लिया.
शिवदीप लांडे ने कहा कि इस मामले की जांच होगी और उचित कार्रवाई की जायेगी.