नेपाल के लिए अंतरदेशीय जलमार्ग आयात निर्यात की सुविधा इसी साल से शुरू होने की उम्मीद है। हाल में संपन्न यात्रा के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भारतीय अधिकारियों ने नेपाल को अंतरदेशीय जलमार्ग की सुविधा की पेशकश की और उसे अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर करार दिया था। श्री ओली ने भी संयुक्त वक्तव्य में कहा था कि इस पहले नेपाल की आर्थिक एवं कारोबारी प्रगति पर बहुत अच्छा असर पड़ेगा। श्री मोदी ने कहा था, “सागरमाथा (एवरेस्ट) का देश, सागर से सीधा जुड़ सकेगा। यह एक ऐतिहासिक शुरुआत है। नेपाल ‘लैंड लिंक्ड’ ही नहीं ‘वाटर लिंक्ड’ भी होगा।”
सूत्रों ने बताया कि श्री ओली के स्वदेश लौटने के तुरंत बाद नेपाली पक्ष ने इस पहल को काम शुरू कर दिया है तथा भारत-नेपाल पारगमन संधि के फ्रेमवर्क में अंतरदेशीय जलमार्ग संबंधी करार को जुड़वाने की चर्चा आरंभ कर दी है। नेपाल सरकार ने इस माह 24 से 27 तारीख के बीच पोखरा में होने वाली अंतर सरकारी आयोग की बैठक के बातचीत के एजेंडे में पहली बार इस विषय को शामिल किया है। नेपाली अधिकारियों का मानना है कि कार्गो को नदीमार्ग से हल्दिया बंदरगाह तक लाने -ले जाने से लागत और समय दोनों घटेगा तथा नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बहुत सहूलियत हो जाएगी।
नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अंतर सरकारी आयोग की बैठक में भारत के अंतरदेशीय जलमार्ग के उपयोग को लेकर प्रक्रियाएं एवं रूपरेखा पर बात होगी तथा फैसला लेने से पहले प्रवेश बिन्दु और माल ढुलाई के टर्मिनल के स्थान को तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग की बैठक के पहले ही नेपाल सरकार के अंदर अधिकारियों एवं भारतीय अधिकारियों के साथ भी आरंभिक बातचीत शुरू हो चुकी है।