भारतीय लोकतंत्र को और समावेशी एवं मजबूत बनाने तथा मतदाताओं को दुनिया की श्रेष्ठ मतदान प्रणालियों से परिचित कराने के लिए दिल्ली में 19 तारीख से एक अंतरराष्ट्रीय मतदाता शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
मंगलवार को नई दिल्ली में होगा सम्मेलन
इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त करेंगे। सम्मेलन में विश्व के 17 देश तथा पांच अन्तरराष्ट्रीय संगठन भाग लेंगे, लेकिन इसमें पाकिस्तान भाग नहीं ले रहा है। उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया कि यह पहला अवसर है जब भारत मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसका मकसद दुनिया भर के चुनाव आयोगों की मतदान प्रबंधन प्रणालियों और उनके अनुभवों को आपस में साझा करना तथा एक दूसरे से सीखना है। इस सम्मेलन का विषय समावेशी सूचित तथा नैतिक सहभागिता हेतु मतदान शिक्षा है।
उन्होंने बताया कि हमने 35-40 देशों को आमंत्रित किया था और 27 देशों ने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया लेकिन कुछ देशों ने निमंत्रण स्वीकार नहीं किया जिनमें एक पकिस्तान भी है।
उन्होंने यह भी बताया कि सम्मलेन में विश्व के श्रेष्ठ मतदान अनुभवों को साझा करने के लिए एक संयुक्त मंच भी बनेगा और प्रवासी भारतीय मतदाताओं की दिक्कतों, उनके अधिकारों आदि के बारे में एक सर्वेक्षण कराया जायेगा एवं प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। इसके साथ ही मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए वॉयस नेट भी विकसित किया जायेगा और एक प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी, जिसमे दृष्टिहीन मतदाताओं के लिए ब्रेल में भी मतदान पत्र होगा। सम्मलेन के उद्घाटन के दिन शिष्टमंडल के प्रतिनिधि शाम को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलेंगे। सम्मलेन के अंत में एक दिल्ली घोषणा पत्र भी जारी किया जायेगा।