रक्षा मंत्रालय ने उद्योगपति अनिल अंबानी की फ्रांस स्थित कंपनी को फ्रांस सरकार द्वारा कर में छूट दिये जाने को लेकर मचे बवाल पर कहा है कि इसे फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदे से जोड़ना अनुचित और भ्रमित करना है।
इस बारे में मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद हरकत में आये मंत्रालय ने तुरता फुरती में एक बयान जारी कर कहा कि मंत्रालय ने इन रिपोर्टों का संज्ञान लिया है। इन रिपोर्टों में एक निजी कंपनी को कर में छूट दिये जाने को भारत के फ्रांस सरकार के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जोड़कर देखा जा रहा है। मंत्रालय ने कहा है कि न तो कर में छूट की अवधि और न ही कर में छूट के मुद्दे का राफेल सौदे से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
मंत्रालय ने कहा है कि कर के मुद्दे और राफेल सौदे को एक-दूसरे से जोड़ना पूरी तरह से गलत , पक्षपातपूर्ण और गलत जानकारी देने की शरारतपूर्ण कोशिश है।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस के अखबार ‘ले मोंडे’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस सरकार ने उद्योगपति अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस अटलांटिक फ्रांस की 143 मिलियन यूरो की कर देनदारी को कम कर केवल 7.6 मिलियन यूरो कर दिया था।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर सवाल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है और कहा है कि यह छूट राफेल सौदे की एवज में दी गयी है।