उत्त्र प्रदेश सरकार को चुस्त दुरुस्त बनाने में जुटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त 82 लोगों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया। अब सिर्फ दस लोगों के पास ही मंत्री का दर्जा रह गया है। संवैधानिक आयोगों के अध्यक्ष व सदस्य भी पद पर बने रहेंगे। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह फैसला सरकार की छवि को सुधरने और सरकारी खजाने का खर्च कम करने के उद्देश्य से लिया है ।
लखनऊ से परवेज आलम
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तकरीबन 125 लोगों को मंत्री का दर्जा दिया था। इनमें से 90 फीसदी को राज्य और दस फीसदी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए विभिन्न महकमों में अध्यक्ष, सलाहकार व उपाध्यक्ष बनाया गया था। इतनी बड़ी संख्या में लालबत्ती बांटे जाने और दर्जाधारियों की कारगुजारियों को लेकर पार्टी के अन्दर विरोध के स्वर उठे, लेकिन सरकार चुप रही। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद ये स्वर और तेज हुए तो मुख्यमंत्री ने 37 दर्जाधारियों को बर्खास्त कर दिया।
बाद में आशु मलिक, सुरभि शुक्ला, कुलदीप उज्जवल का दर्जा बहाल कर दिया गया। अक्टूबर में लखनऊ में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में दर्जाधारियों के खिलाफ फिर आवाज उठी। तभी से कड़ी कार्रवाई के संकेत मिलने लगे थे। शनिवार को अचानक 82 दर्जाधारियों को बर्खास्त कर उनसे सभी सुविधाएं वापस लेने का मुख्यमंत्री ने फैसला कर लिया। प्रमुख सचिव, सूचना नवनीत सहगल के अनुसार अब सिर्फ दस लोगों के पास ही लालबत्ती रह गयी है।
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