दर्जन भर संगठनों की नुमाइंदगी करने वाले मुस्लिम संगठन ने अखिलेश सरकार के उस बयान की आलोचना की है जिसमें कहा गया था कि मदरसे दंगापीड़ितों की घर वापसी नहीं चाहते.
मुस्लिम संगठन अखिलेश सरकार को सौंपी गई उस रिपोर्ट से बेहद नाराज हैं, जिसमें कहा गया है कि मदरसों से जुड़े लोग निजी हितों के लिए दंगा पीड़ितों को घर वापस नहीं जाने दे रहे.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुशावरत (एआईएमएमएम) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार सब कुछ सही दिखाने के लिए पीड़ितों को जबरन राहत शिविरों से वापस उनके घर भेजना चाहती है
अमर उजाला की खबरों के अनुसार संस्था ने दंगों के दौरान जघन्य अपराध करने वालों पर अब तक कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए राज्य प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है. उधर, एक गैर सरकारी संस्था अनहद ने राज्य सरकार की तुलना गुजरात की मोदी सरकार से की है.
संस्था का आरोप है कि राज्य सरकार न केवल पीड़ितों को राहत शिविरों से जबरन हटाना चाहती है, बल्कि उन पर एफआईआर वापस लेने के दबाव भी डाल रही है.